क़तर में क़ैद Indian Navy के पूर्व अधिकारियों की रिहाई कब, कांग्रेस का PM से सवाल
पिछले साल क़तर (Qatar) में गिरफ़्तार किए गए भारतीय नौसेना (Indian Navy) के आठ अधिकारियों (Eight Officers) के अब तक न छूटने पर कांग्रेस (Congress) ने केंद्र की बीजेपी (BJP) सरकार से सवाल किए हैं.
कांग्रेस पार्टी के मीडिया सचिव और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश (Jai Ram Ramesh) ने इस बारे में एक बयान जारी किया है तंज़ कसा है. साथ ही ये सवाल भी पूछा है कि क़तर से “मोदानी” के विशेष संबंध होने के बावजूद अब तक ये पूर्व नौसेना अधिकारी क्यों नहीं छूट पाए हैं.
भारत सरकार को नहीं दी गई कोई सूचना
जयराम रमेश ने इस बयान में लिखा है, “सात महीने पहले, 30 अगस्त 2022 को क़तर के अधिकारियों ने भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को गिरफ़्तार किया था, जो क़तर नौसेना को ट्रेनिंग देने के कार्य में शामिल थे. आठों को कथित तौर पर एकांत कारावास में रखा गया है. भारत सरकार को न तो गिरफ़्तारियों की सूचना दी गई और न ही इनके ख़िलाफ़ आरोपों के बारे में कोई जानकारी दी गई.”
उन्होंने लिखा है, “मोदी सरकार ने भारत-क़तर संबंधों में काफ़ी इनवेस्ट किया है. भारत क़तर का तीसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्ट मार्केट है. क़तर में सात लाख प्रवासी भारतीय हैं.पीएम मोदी ने 2016 में दोहा, क़तर का दौरा किया था. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भी द्विपक्षीय संबंधों में काफ़ी इनवेस्ट किया है. उन्होंने पिछले तीन सालों में क़तर की चार यात्राएं की हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी नियमित रूप से वहां की यात्रा करने के लिए जाने जाते हैं.”
न्याय दिलाने में भारतीय सरकार असमर्थ क्यों ?
उन्होंने सवाल किया कि भारत सरकार अभी भी इस मामले में तथ्यों का पता लगाने या नौसेना के पूर्व कर्मियों और उनके परिवारों को न्याय के लिए आश्वस्त करने में असमर्थ क्यों है?
जयराम रमेश ने गौतम अदानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ज़िक्र करते हुए कहा, “क्या प्रधानमंत्री इस वजह से क़तर पर दबाव बनाने में उत्साह नहीं दिखा रहे हैं क्योंकि क़तर का सॉवरेन वेल्थ फ़ंड अदानी इलेक्ट्रिसिटी. मुंबई में एक प्रमुख निवेशक हैं? कांग्रेस पार्टी सरकार से आग्रह करती है वो भारत के परिवारों और लोगों को बताए कि हमारे पूर्व सैन्य कर्मियों के साथ इस तरह का व्यवहार क्यों किया जा रहा है.”