क्या यूक्रेनी सेना वाक़ई में रुस कि ओर बढ़ी है?
Ukrainian Army moved Towards Russia: रुस-यूक्रेन जंग में बीते पंद्रह दिनों में वाकई में जो नाटकीय मोड़ आये है. वो जंग की स्थिती पैदा करने वाले है.
हालांकि यूक्रेन ने कई मोर्चो पर खूद को मज़बूत किया है और रुस के सैनिकों को पीछे धकेलने का दावा भी किया है.
यूक्रेन ने पहली बार जबावी हमले में हासिल की जीत!
साथ ही साथ हालातो को नज़र में रखते हुए यूक्रेन में हाजारों लोगो ने वापसी की है. जो कि रुसी हमले के बाद देश छोड़कर चले गए थे.यूक्रेन का कहना है कि उसने पहली बार जबावी हमले में जीत हाासिल की है.
उसके सैनिकों ने चार गांवो पर दूबारा नियंत्रण कर लिया है. और इन चार बस्तियों को रुस के कब्जे़ से छुटा लिया गया है .
जो कि दक्षिण- पूर्वी इलाके में है. और यूक्रेनी सेना ने दोनेत्स्क इलाके में एक और गांव पर कब्जा कर लिया है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बयान!
व्लादिमीर पुतिन ने कहा हम जबावी कार्यवाही करेंगे. यूक्रेन के सैनिकों का आगे की ओर बढ़ने पर रूस ने अभी चुप्पी साध रखी है.
हालांकि जैसा यूक्रेन की तरफ से दावा किया जा रहा है अभी इसकी कोई पुष्टि नही हुई है.
यूक्रेनी सेना ने रुस की पहली डेफेंस लाइन भी पार की है या नही की है.
साथ ही साथ यूक्रेन ने अंतराष्ट्रीय बिरादरी को यें भी संदेश दिया कि यह एक ऐसी जंग है जिसमे यूक्रेन की मदद होनी चाहिए.
क्या है रुस की तैयारी यूक्रेन के अधिकारी ने बताया?
रुस के पलटवार पर यूक्रेन के अधिकारी का बयान कि रुस ने तीन लेअर की सुरक्षा तैयार की है.
25 KM का फ़ंदक खौद रखा है, बारुदी सुरंगे बिछा रखी है और टैंको की सुविधा भी उपलब्ध है.
हालांकि रूस ने अभी चुप्पी साध रखी है. यूक्रेन के अधिकारी ने अपनी तैयारियों के बारे में बताया
यूक्रेनी सेना के पास नेटो किए गए हाथियार है और उन्होंने इन हाथियारों के साथ ट्रेनिंग भी ली है.
लेकिन यूक्रेनी सेना अभी भी नागरिकों की सेना है . अधिकारीयो का कहना है कि मौजूदा जंग पहले की जंगो से मुश्किल होंगी.
हजारों की तदाद में शरणार्थीयों की अपने देश में वापसी!
युद्ध के खतरों के बीच हजारों की तदाद में यूक्रेनवासियों का वापस आना सही नही है.जबकि अधिकारियों का कहना है कि वो वहां से दूर रहें.
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक यूक्रेन पर रुस के हमले के बाद लगभग 60 लाख यूक्रेनी अपने देश वापस आ चुके है.
युद्ध के पश्चात 1 करोड़ से ज्यादा लोग विस्थापित हुए है. शरणार्थियों का कहना है कि हम अपने परिवार और देश या मेदान-ए-जंग लौट रहे है.
यूक्रेनवासी ख़तरनाक इलाकों में भी बैख़ोफ होकर रहें!
रुसी कब्जे़ से छूटे शरणार्थी अपने देश में इन्हीं खतरो वाले इलाको में बस रहे है. जहां आमतौर पर पुरुष जंग के लिए या सरिए की तरह कोयले की खानों में मामूली सुरक्षा के साथ काम करते है.
पकरोवत्स में जंग के बाद एक तिहाई जनसंख्या बची थी जो अब फिर वापस बढ़ रही है.
दोनेत्स्क में बिजली, पानी की सुविधा बहाल होने से ये लोगों को आकर्षित कर रहा है. ये इलाका सिर्फ मैदान-ए-जंग से 42 किमो दूर है.
रुसी सेना कभी भी यहां हमला कर सकती है इन खतरों से बैखोफ़ होकर यूक्रेनी अपने देश वापस लौट रहे है.
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