PM मोदी ‘मन की बात’ – तकनीक और परंपरा का संगम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को “मन की बात” कार्यक्रम के 127वें एपिसोड के माध्यम से देशवासियों को संबोधित किया।
हर महीने के अंतिम रविवार को प्रसारित होने वाला यह कार्यक्रम आज भारत में संवाद का एक लोकप्रिय मंच बन चुका है।
इस बार का एपिसोड खास रहा — इसमें तकनीक, परंपरा और संस्कृति का सुंदर संगम देखने को मिला।

छठ पर्व पर शुभकामनाएं और संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को छठ पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने कहा कि यह त्योहार भारतीय संस्कृति की गहराई, आस्था और प्रकृति के प्रति आदर का प्रतीक है।

“छठ केवल सूर्य उपासना नहीं, बल्कि सामूहिकता, अनुशासन और पर्यावरण-संवेदनशीलता का प्रतीक है।”

‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ का उल्लेख

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि यह गीत भारत की जीवंतता और उत्साह का प्रतीक है।
मोदी जी ने नागरिकों से अपील की कि वे ‘वंदे मातरम्’ के मूल्यों और संदेशों को नई पीढ़ी तक पहुंचाएं, ताकि यह गीत सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि एकता और भावनात्मक जुड़ाव का माध्यम बना रहे।

एआई तकनीक से ‘मन की बात’ अब 11 भाषाओं में

इस बार के ‘मन की बात’ की सबसे बड़ी विशेषता रही —
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की मदद से कार्यक्रम को 11 भारतीय भाषाओं में प्रस्तुत किया गया।

AI तकनीक की सहायता से प्रधानमंत्री मोदी की आवाज़ और संदेश को
मलयालम, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती, बंगाली, तमिल, मराठी, असमिया, उड़िया, अंग्रेजी और हिंदी में प्रसारित किया गया।

इससे करोड़ों लोगों को अपनी मातृभाषा में प्रधानमंत्री का संदेश सुनने का अवसर मिला।
यह कदम “डिजिटल भारत” और “वसुधैव कुटुंबकम्” की भावना को और सशक्त बनाता है।

भारत का बढ़ता तकनीकी निवेश

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अब केवल तकनीक का उपभोक्ता नहीं, बल्कि नवाचार (Innovation) का केंद्र बन चुका है।

उन्होंने युवाओं की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने AI, ड्रोन, सेमीकंडक्टर, स्पेस टेक्नोलॉजी और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है।

सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में
क्वांटम कंप्यूटिंग, साइबर सुरक्षा और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ाया है,
जिससे भारत वैश्विक स्तर पर तकनीकी महाशक्ति बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

भारतीय भाषाओं और संस्कृति की सराहना

प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय भाषाओं की समृद्ध परंपरा की प्रशंसा करते हुए कहा —

“हमारी भाषाएं सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी पहचान और संस्कृति की आत्मा हैं।”

उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के युग में अब संस्कृत भाषा को नया जीवन मिल रहा है।
कई युवा संस्कृत में रील्स, कविताएं और वीडियो बनाकर इसे आधुनिकता से जोड़ रहे हैं।

आत्मनिर्भर भारत की झलक

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बीएसएफ और सीआरपीएफ में शामिल स्वदेशी नस्लों के श्वानों (कुत्तों) की सराहना की।
उन्होंने कहा कि यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना का उदाहरण है,
जहाँ हमारी सेनाएँ अब सुरक्षा के लिए स्वदेशी संसाधनों का उपयोग कर रही हैं।

निष्कर्ष

‘मन की बात’ का यह एपिसोड न केवल प्रेरणादायक रहा,
बल्कि यह दिखाता है कि भारत कैसे परंपरा और तकनीक को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है।

छठ पर्व की आस्था से लेकर AI की आधुनिकता तक,
प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश एक नए भारत की झलक देता है —
जहाँ संस्कृति, तकनीक और एकता मिलकर भविष्य की दिशा तय कर रहे हैं।

Spread the News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *