विपक्ष के महाकुंभ में अभी रार है !

Opposition Meeting in Patna

Opposition Meeting in Patna: देश में चाहे कुछ भी हो..लेकिन सियासी पार्टियां केवल अपनी सियासी रोटियां सेकने की जुगत मे ही रहती है…चाहे कहीं ट्रेनों की टक्कर से सेंकड़ों लोग पल भर में अपनी जान गंवा दें…चाहे कहीं पुल गिर जाए और करोड़ों रूपए पल भर मे पानी में बह जाएं.. लेकिन सियासत को सिर्फ सियासत ही रास आती है… और फिर हो भी क्यों न..क्योंकि 24 की लड़ाई में कोई भी सियासी पार्टी खुद को किसी भी लिहाज़ से पीछे नहीं रहना चाहती है…

नीतीश और अखिलेश की कोशिशें कर पाएंगी विपक्ष एकजुट ?

एक तरफ़ जहां बिहार के सीएम नीतीश कुमार 12 जून को पटना में होने वाले विपक्षी पार्टियों के महाकुंभ पर निगाहें टिकाए बैठे हैं तो वहीं यूपी में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी 2024 की तैयारियों के मद्देनज़र प्रशिक्षण शिविर के ज़रिए जनता से जुड़ने की कोशिश करेंगे…

बिना कांग्रेस विपक्षी एकता नहीं है संभव (Opposition Meeting in Patna)

नीतीश कुमार के प्लान 24 के सरताज में फिलहाल कुछ पेंच हैं…नीतीश कुमार चाहते हैं कि पटना में होने वाले महाकुंभ में सभी विपक्षी पार्टियों के प्रमुख मौजूद रहें…क्योंकि मिशन 24 में विपक्षी एकजुटता की मुहिम में नीतीश कुमार इस बात को बखूबी जानते हैं कि बीजेपी को पटखनी देने और बीजेपी के ख़िलाफ़ कांग्रेस के बिना विपक्षी एकता कतई संभव नहीं है…लेकिन पार्टी के प्रमुख इस सियासी महाकुंभ में शामिल होने से हाथ खींचकर किसी प्रतिनिधि को भेजने की बात कर रहे हैं…

फिर से तय होगी तारीख

राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका में हैं..तो वहीं मल्लिकार्जुन खरगे पर भी पेंच फंसा है…इसके अलावा डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन पहले से ही निर्धारित कार्यक्रम की वजह से पटना के मिशन 2024 में शामिल नहीं हो सकते थे…इसी वजह से फिलहाल के लिए 12 जून की तारीख़ को स्थगित कर दिया गया है…

अखिलेश ने की प्रशिक्षण शिविर की शुरूआत (Opposition Meeting in Patna)

तो वहीं अखिलेश यादव भी 24 की तैयारी को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण शिविर की शुरूआत कर चुके हैं…जिसके जरिए सपा कार्यकर्ताओं में नई स्फूर्ति भरने की कोशिश करेगी..इसके अलावा लोकजागरण यात्रा कर मतदाताओं का सचेत करने का काम करेगी..साथ ही सपा का आरोप है कि भारत की विविधता और बहुलतावादी संस्कृति को नष्ट कर एकरंगी संस्कृति थोपने का प्रयास बीजेपी कर रही है…

लोकतंत्र का अपमान करती है बीजेपी- सपा

सपा के आरोप ये भी है कि विपक्ष को लोकतंत्र में अपमानित किया जा रहा है जो कि राजतंत्र की घोषणा जैसा है…

तीसरी बार प्रचंड बहुमत की सरकार बनाने की तैयारी में है बीजेपी

24 के सियासी रण में पार्टियां अपना सबकुछ झोंक देना चाहती हैं…उधर बीजेपी अपने पिछले 9 सालों के कार्यों के बखान का गुणगान करने में व्यस्त है…और तीसरी बार प्रचंड बहुमत की सरकार बनाने का दावा भी ठोक रही है…

मोदी का हराना है…लेकिन साथ नहीं आना है ?

अब इसे बीजेपी की किस्मत कहें या कुछ और..क्योंकि NDA का साथ छोड़कर गए साथियों का भी वापस से समर्थन मिलने लगा है….24 के सियासी दंगल के विपक्ष मोदी को तो हराना चाहता है…लेकिन शायद साथ नहीं आना चाहता है…सवाल ये है कि क्या सभी विपक्षी पार्टियों से बिना सलाह मशविरा के 12 जून की तारीख़ तय की गई थी…

क्या बिहार बन पाएगा विपक्षी एकता का गवाह

सवाल ये भी है कि क्या बिहार विपक्षी एकता का गवाह बन पाएगा..और सवाल ये भी है कि क्या अखिलेश यादव खुद को मज़बूत करने पर ज्यादा ज़ोर दे रहे हैं या विपक्षी एकता को…

कहां फंसा नीतीश की बैठक का पेंच ?

बैठक को लेकर कांग्रेस में उत्साह की कमी साफ नज़र आ रही है. हालांकि खुले तौर पर पार्टी नेता इस बात को स्वीकार नहीं कर रहे हैं.

12 जून तक राहुल के लौटने की उम्मीद कम

बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि राहुल गांधी विदेश में हैं और 12 जून तक उनके लौटने की उम्मीद नहीं है. इसलिए 12 जून की बैठक में वो शामिल नहीं हो सकते. साथ ही तामिलनाडू के सीएम एमके स्टालिन भी पटना आने में असमर्थ थे. बैठक को स्थगित करने का यही कारण हो सकता है.

नीतिश को मिल रही है सिर्फ तारीख़ पर तारीख़!

विपक्षी पार्टियों की बैठक सबसे पहले 19 मई को होने वाली थी, लेकिन कर्नाटक विधानसभा चुनाव और कांग्रेस के शपथ ग्रहण समारोह को देखते हुए पटना में विपक्षी एकता की बैठक टाल दी गई. उसके बाद मई के अंतिम सप्ताह में ये बैठक होनी थी लेकिन नहीं हो पाई. फिर नई तारिख 12 जून को दी गई और अब ये भी टाल दी गई. लेकिन अब 23 जून की संभावना जताई है।

अखिलेश का नैमिषारण्य प्लान!

ज़मीन और मनोबल मज़बूत करने पर ज़ोर

अनर्गल बयानबाज़ी करने वालों पर लगाम

धार्मिक मामलों में नेताओं को संभलकर बोलने के निर्देश

मतदाताओं के नाम कटने से बचाने का प्लान

सेक्टर,ब्लॉक स्तर से लेकर बूथ तक टीम बनाने पर ज़ोर

जनता के मुद्दों पर फोकस कर सरकार को घेरने की रणनीति

बूथ कमेटियां बनाकर मतदाताओं को जोड़ने की योजना

लोकसभा चुनाव से पहले हर ज़िले में प्रशिक्षण शिविर

जनता की सम्स्याओं को लेकर सड़क पर प्रदर्शन की रणनीति

लोहियावादी और अंबेडकरवादी को एक मंच पर लाने की रणनीति

मुस्लिम-यादव समीकरण को मज़बूत कर लोकसभा चुनाव में उतरना

दलित और पिछड़ो के गठजोड़ को मज़बूत कर जीतने पर फोकस

Written By: Aarti Agravat

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