नीतीश की अखिलेश-ममता से मुलाकात- क्या 2024 में बन जाएगी बात ? 162 सीटों के गणित से समझिए ये प्लान
Nitish meets Mamata Akhilesh: 2024 लोकसभा चुनाव में अभी कुछ वक्त बाकी है लेकिन सत्ता की राजनीति के लिए एक पल को भी गंवाना पार्टियों के लिए नागंवारा साबित हो सकता है. क्योंकि 2024 की चुनावी जंग में नई सियासी बिसात बिछनी शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को चुनावी शिकस्त देने के लिए विपक्षी एकता की बात चल रही है. बिहार के मुख्यमंत्री इस लिस्ट में सबसे ज्यादा एक्टिव नजर आ रहे हैं.
162 सीटों का है सवाल
मुख्य्मंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Nitish meets Mamata Akhilesh) से कोलकाता में मुलाकात की है. और मुलाकातों का सिलसिला अभी थमेगा नहीं क्योंकि कोलकाता के बारी लखनऊ की होगी जहां वो यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे.
इससे पहले पिछले दिनों नीतीश और तेजस्वी ने दिल्ली में मल्लिकार्जुन खरगे के साथ उनके आवास पर मुलाकात की थी. मुलाकात में पूर्व सांसद राहुल गांधी भी मौजूद थे. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से भी विपक्ष को और मजबूत करने को लेकर बात की थी.
इन तीन नेताओं की मुलाकात 2024 लोकसभा चुनाव के लिए इसलिए भी अहम है क्योंकि केंद्र में सरकार गठन के लिहाज से ये तीनों राज्य बहुत अहम हैं. यूपी से लोकसभा की 80 सीटें, बिहार से 40 और बंगाल से 42 सीटें आती हैं यानी इन तीन नेताओं की 545 सदस्यों वाली लोकसभा की 162 सीटों के लिए चुनाव में अहम भूमिका होगी.
क्या है नीतीश का प्लान 2024
नीतीश की इन सियासी मुलाकातों के निहितार्थ तलाशे जाने लगे हैं,. इसके पीछे तीन प्रमुख कारण हैं, सबसे पहला 2024 को लेकर विपक्षी एकजुटता का प्लान, दूसरा यूपी से नीतीश के चुनाव लड़ने की ख़बरें और तीसरा लोकसभा चुनावों के लिए सपा का स्टैंड. हालांकि नीतीश ये भी साफ कर चुके हैं कि 2024 को लेकर विपक्षी एकजुटता के लिए उनकी पर्सनल कोई महत्वाकांक्षा नहीं है.
अखिलेश से उनकी मुलाकात में इस बात पर जरूर ज़ोर होगा कि वो 2024 का चुनाव यूपी से लड़ना चाहते हैं. इस बात को लेकर चर्चाएं तेज हैं. दूसरी ओर अखिलेश यादव पहले ही साफ कर चुके हैं कि साल 2024 का लोकसभा चुनाव सपा अकेले अपने दम पर, अपने गठबंधन के साथ लड़ेगी. फिलहाल, जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोक दल के साथ सपा गठबंधन में है.
साथ ही सपा की ओर से ये भी साफ किया गया है कि अब ये कांग्रेस को तय करना है कि वो 2024 में बीजेपी को हराने के लिए क्या करेगी.