ट्विटर के पूर्व CEO का दावा…कई एकाउंट बंद करवाना चाहती थी सरकार !

Jack Dorsey Claims

Jack Dorsey Claims: ट्विटर के पूर्व CEO Jack Dorseyने भारत की सरकार पर किसान आंदोलन के दौरान कुछ अकाउंट बंद करने का दबाव डालने का दावा किया है. जिसके बाद से फिर वो पुराना दौर याद आ गया है जब पूरे सालभर तक दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों पर किसान सरकार द्वारा लाए तीन किसान कानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.

विदेश से आया बयान..देश में लाया सियासी भूचाल ! (Jack Dorsey Claims)

किसान आंदोलन के दौरान दबाव में थी सरकार !

किसानों का कहना था कि ये कानून किसान विरोधी है जिससे देश के किसानों की हालत बद से बद्तर हो जाएगी. हालांकि इस पर सरकार का दावा था कि भारत के किसानों का भविष्य उज्जवल हो जाएगा. पूरे एक साल के दौरान किसान धूप,आंधी, बारिश, तूफ़ान, पुलिस की लाठियों का सामना करते हुए कानून के ख़िलाफ़ डटे रहे और सरकार भी अपनी बात पर अड़ी रही.

कई ट्विटर एकाउंट बंद करने की की थी रिक्वेस्ट (Jack Dorsey Claims)

किसान यूनियन समेत कई पार्टियों का समर्थन आंदोलन को मिला. इतना ही नहीं कुछ पत्रकारों ने भी मुखर होकर सरकार से सवाल किए. उस समय देश के साथ-साथ विदेशी मीडिया में भी भारत में जारी किसान आंदोलन की चर्चा तेज़ थी.

दुनियाभर से मिली थी कवरेज़

सालभर के इस अंतराल में किसानों को इंटरनेशनल कवरेज़ भी खूब मिली. विदेशी मीडिया में भारतीय सरकार पर लगातार सवाल उठाए जा रहे थे.

कई किसानों की हुई थी मौत

माना जाता है कि आंदोलन के दौरान तक़रीबन 750 किसानों ने शहादत दी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी कई बार सार्वजनिक मंचों से इस रिकॉर्ड का जिक्र कर सरकार को चोट पहुंचाते रहे हैं लेकिन सरकारी आंकड़ों में एक भी किसान की मौत दर्ज नहीं है.

लखीमपुर हादसे के बाद दबाव में थी सरकार ?

सरकार की ओर से किसान कानून वापस लेने का दबाव तब ज्यादा बढ़ गया जब लखीमपुर खीरी में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टैनी के बेटे ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी. जिसमें 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी.

PM मोदी ने लिया था कानून वापस

वक्त की नज़ाकत को देखते हुए सरकार बैकफुट पर थी और हादसे के लगभग डेढ़ महीने बाद प्रधानमंत्री ने कानून वापस लेने का ऐलान कर दिया. ये वो वक्त था जब सोशल मीडिया खासतौर से ट्विटर पर सरकार को चारोंओर से घेरा जा रहा था.

भारतीय संप्रभुता को चुनौती दे रहे डोर्सी ? (Jack Dorsey Claims)

YouTubeचैनल Breaking Points को दिए गए इंटरव्यू में डोर्सी ने कहा है कि दिसंबर 2020 से दिसंबर 2021 तक हुए किसान आंदोलन में भारतीय सरकार की ओर से कई अकाउंट्स और कुछ पत्रकारों के अकाउंट्स को बंद किए जाने की सैंकड़ों रिक्वेस्ट उन्हें आई थी.

ट्विटर बंद हो जाने का था डर

तब उन्हें डर था कि कहीं भारत में ट्विटर को बंद न कर दिया जाए. हालांकि सरकार की ओर से सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया गया है. लेकिन डोर्सी के इंटरव्यू ने फिलहाल कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

मोदी सरकार ने ट्विटर बंद करने की दी धमकी ?

क्या वाकई सरकार ने कई ट्विटर अकाउंट बंद करने की रिक्वेस्ट भेजी थी? क्या ट्विटर पर जारी विरोध से सरकार दबाव में थी ? किसान आंदोलन के दौरान किसानों की शहादत सरकार के लिए झूठ थी ?

वहीं मामले को लेकर केंद्र सरकार ने कहा की जैक डोर्सी सफेद झूठ बोल रहे हैं

सफेद झूठ बोल रहे हैं जैक डोर्सी – सरकार

राजीव चंद्रशेखर,केंद्रीय मंत्री

अनुराग ठाकुर,केंद्रीय मंत्री

रविशंकर प्रसाद,सांसद,बीजेपी

वहीं मामले को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई है….विपक्ष का कहना है जैक डोर्सी ने ताकतवर लोगों को बेनकाब किया है..

जैक डोर्सी ने ताकतवर लोगों को बेनकाब किया- विपक्ष

राकेश टिकैत, प्रवक्ता,भाकियू

अरविंद केजरीवाल,सीएम,दिल्ली

सुप्रिया श्रीनेत, प्रवक्ता,कांग्रेस

केंद्र ने ट्विटर का कानून मानने से इनकार !

-जिस समय देश में कृषि कानून लाए गए थे, उस दौरान फरवरी में मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी ने सोशल मीडिया कंपनियों के लिए एक नई गाइलाइन इशू की थी।

– सभी कंपनियां इसके लिए राजी हो गईं, लेकिन ट्विटर तैयार नहीं था।

TWITTER ने क्या कहा था?

-TWITTERका साफ कहना था कि इस प्रकार के नियमों से अभिव्यक्ति की आजादी पर असर पड़ता है।

-उस समय बीजेपी नेता संबित पात्रा के एक ट्वीट को ट्विटर ने Manipulated Media वाली कैटेगरी में डाल दिया था।

– दिल्ली पुलिस 24 मई को सीधे भारत के ट्विटर हेडक्वार्टर पहुंच गई और उससे पूछा गया कि ट्वीट को उस कैटेगरी में क्यों डाला गया।

-कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला लेकिन ट्विटर ने उस ट्विट से वो लेबल हटाने से भी मना कर दिया।

कोर्ट पहुंचा केस

ट्विटर विवाद नया मोड़ 26 मई को आया जब केंद्र सरकार ने नए आईटी नियमों का ऐलान कर दिया।मामला दिल्ली हाई कोर्ट तक पहुंचा. जहां कोर्ट ने दो टूक में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नियम मानने की बात कह दी। तब तो ट्विटर ने ये कहकर विवाद ठंडा कर दिया कि नियमों के हिसाब से ही प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। लेकिन सरकार को नीयत पर शक रहा और बाद में आरोप भी लगा कि ट्विटर ने किसी भी नियम को नहीं माना। तब सरकार ने कंपनी के खिलाफ एक्शन लेने की बात भी कर दी थी।

ब्लू टिक हटने वाला विवाद, फिर बढ़ी तकरार

अब इस विवाद के साथ ब्लू टिक वाला विवाद भी जुड़ गया था। असल में पिछले साल कुछ समय के लिए ही सही तब के तत्कालीन उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू का ट्विटर से ब्लू टिक हटा दिया गया था। इसके बाद संघ प्रमोख मोहन भागवत के साथ भी ऐसा ही हुआ। एक समय तब के आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद के ट्विटर अकाउंट से भी ब्लू टिक हट गया था। कहा गया कि कॉपीराइट का कोई मामला सामने आया जिस वजह से ये एक्शन हुआ।

ट्विटर ने ताक़तवर लोगों को किया बेनक़ाब-कांग्रेस

जाहिर है पार्टियां तो अपना-अपना बचाव करेंगी और सभी प्रतिनिधि खुद के पक्ष भी रखेंगे लेकिन इस बात को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता कि सालभर तक आंदोलन कर रहे किसान का दर्द पूरी दुनिया ने देखा था और इस बात से भी मुंह नहीं मोड़ा जा सकता कि सदन में नम्बर की बदौलत पास हुआ बिल सरकार को खुद से ही वापस लेना पड़ गया था.

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Written By: Aarti Agravat

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