‘गोडसे देशभक्त थे’- त्रिवेंद्र सिंह रावत

Godse Controversy

त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व सीएम, उत्तराखंड

Godse Controversy: उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गांधी और गोडसे को लेकर बयानबाजी की है. देश में लोकसभा चुनावों का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. चुनाव से पहले अक्सर ही पार्टियों की ओर से कुछ ऐसी बयानबाजी होती हैं जो राजनीतिक घमासान मचा देती है.

गोडसे के बयान पर बवाल…लाया सियासी भूचाल

ऐसा ही बयान उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गांधी और गोडसे को लेकर दे डाला है. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में त्रिवेंद्र ने गोडसे को देशभक्त बताया है और कांग्रेस को गांधी का हत्यारा.

कांग्रेस ने की गांधी की हत्या (Godse Controversy)

त्रिवेंद्र ने कहा है कि गांधी जी की पहली हत्या 15 अगस्त 1947 को ही हो गई थी. जब नेहरू ने कांग्रेस को अपने हित के लिए इस्तेमाल किया. क्योंकि गांधी जी चाहते थे कि आज़ादी मिलने के साथ ही कांग्रेस का भी अंत हो जाना चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने समूचे विश्व को अहिंसा के मार्ग को चुनने का रास्ता दिखाया था.

कांग्रेस पर बयानों की बौछार (Godse Controversy)

लेकिन कांग्रेस ने पल-पल हिंसा को अपनाया. त्रिवेंद्र ने बोफोर्स से लेकर 1965 में चीन और भारत के युद्ध तक पर सवाल उठाए. त्रिवेंद्र ने कहा कि गांधी ने खादी अपनाने की सलाह दी थी जिससे हमारी अर्थव्यवस्था सुधरे लेकिन कांग्रेस ने खादी का भी अंत कर दिया.

बलिया टू देहरादून.. बयान में बदली टोन

अंत में त्रिवेंद्र ने कहा कि कांग्रेस से बड़ा गांधी का हत्यारा कोई और हो ही नहीं सकता. त्रिवेंद्र का ये बयान वाया बलिया होते हुए देहरादून तक पहुंचा. बलिया में त्रिवेंद्र ने कहा था कि जहां तक उन्होंने गोडसे के बारे में पढ़ा और जाना है वो देशभक्त थे. हालांकि गांधी की हत्या का मुद्दा अलग था. उससे सहमत नहीं.

त्रिवेंद्र के बयान ने भड़काई चिंगारी (Godse Controversy)

बयान के बाद से ही गोडसे वाली चिंगारी ने राज्य को सुलगाने का काम कर दिया. देहरादून पहुंचने पर त्रिवेंद्र के समर्थकों ने उनका फूल-माला से स्वागत किया. या यूं कह लीजिए उनके बयान का समर्थन किया. तो वहीं कांग्रेस ने पूर्व सीएम के घर का घेराव किया लेकिन कुछ हासिल नहीं हो पाया. क्योंकि त्रिवेंद्र के घर के आसपास पहले से ही त्रिवेंद्र समर्थक मौजूद थे.

बयान के बाद प्रदेश में हुए प्रदर्शन

हालांकि प्रदेशभर में त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान के बाद हिंसक प्रदर्शन हुए. पूर्व सीएम के पूतले फूंके गए. कांग्रेस ने न सिर्फ बयान की निंदा की बल्कि बीजेपी और आरएसएस की मानसिकता पर भी प्रहार किया. कांग्रेस ने बयान को न केवल राष्ट्रपिता का अपमान बताया बल्कि स्वाधीनता सैनानियों का भी अपमान बताया.

गांधी-गोडसे पर बयानबाजी से होगी जनता राज़ी !

अब यूपी वाया उत्तराखंड होती हुई गोडसे गांधी की राजनीति में नया ट्विस्ट एंड टर्न क्या होगा. ये तो भविष्य बताएगा. लेकिन त्रिवेंद्र रावत के ऐसे बयान क्या सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए होते हैं. क्या त्रिवेंद्र गोडसे द्वारा की गई गांधी की हत्या को सही ठहराते हैं. आज़ादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी कब तक गांधी-गोडसे वाली राजनीति होती रहेगी. ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब लेंगे.

त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान ने बीजेपी की बढ़ाई मुशकिलें

सिस्टम में भ्रष्टाचार बढ़ गया है-त्रिवेंद्र

भ्रष्टाचार उत्तराखंड के लिए दीमक- त्रिवेंद्र

उत्तराखंड में कम नहीं हो रही है नशाखोरी- त्रिवेंद्र

कोरोना वायरस को बताया जीवित प्राणी- त्रिवेंद्र

कोरोना को भी जीने का अधिकार-त्रिवेंद्र

अभिमन्यु द्रौपदी के बेटे- त्रिवेंद्र

गांधी और गोडसे को लेकर बयानबाज़ियां

भारत के पहले आतंकवादी का नाम नाथूराम गोडसे- असदुद्दीन ओवैसी

नाथूराम गोडसे भारत का सपूत है- गिरिराज सिंह 

गोडसे की तुलना राजीव गांधी और कसाब से की -नलिन कुमार कटील , बीजेपी सांसद

नाथूराम गोडसे देश भक्त थे, हैं और रहेंगे- साध्वी प्रज्ञा ठाकुर

गोडसे व्यथित था, इसलिए बापू को मारा- शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती

ये भी पढ़ें: गोडसे ने नहीं की गांधी की हत्या,

अक्सर ही त्रिवेंद्र सिंह रावत बेतुकी बयानबाजी कर विवादों में फंसे रहते हैं.

लेकिन बीजेपी की ओर से अभी तक त्रिवेंद्र रावत के बयान पर कोई सफ़ाई या एक्शन नहीं लिया गया है.

Written By: Aarti Agravat

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