Delhi Flood: यमूना का पानी, कैसे डूबी राजधानी?

Delhi Flood: यमूना का पानी, कैसे डूबी राजधानी?

Delhi Flood

Delhi Flood: दिल्ली में इस बार यमुना का जलस्तर ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा है। नदी का जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है। इसके बावजूद शुक्रवार को दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ बरकरार है। बाढ़ के पानी के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने प्रभावित इलाकों में स्कूल, कॉलेज, श्मशान घाट और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद कर दिए हैं। शुक्रवार सुबह छह बजे तक नदी का जलस्तर 208.46 मीटर था। ये पिछली रात के जलस्तर 208.66 मीटर से थोड़ा कम है। केंद्रीय जल आयोग ने जलस्तर में और कमी आने की संभावना जताई है। हालांकि, यमुना के बाढ़ के पानी ने दिल्ली के कई इलाकों को डुबा दिया।

आम आदमी पार्टी ने लगाया एनडीआरएफ पर आरोप

Delhi Flood: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मंत्री सौरभ भारद्वाज द्वारा एनडीआरएफ की टीम पर देरी से तैनाती का आरोप लगाया था। इसके जवाब में एलजी ने कहा कि ये समय टीम वर्क का है, एक-दूसरे पर दोष लगाने का नहीं। मैं भी बहुत कुछ कह सकता हूं, लेकिन फिलहाल यह जरूरी नहीं है। दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि उपराज्यपाल की मौजूदगी में गुरुवार रात आईटीओ क्षेत्र में बाढ़ का कारण बने क्षतिग्रस्त जल नियामक को ठीक करने के लिए एनडीआरएफ टीमों को तैनात करने के लिए अधिकारियों से संपर्क करने को कहा, बावजूद इसके उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली वहीं बाहरी दिल्ली के मुकुंदपुर इलाके के झील में नहाने के लिए गए तीन बच्चों की शुक्रवार को डूबने से मौत हो गई।

मकानों को खाली कराया गया

Delhi Flood: बच्चों की पहचान जहांगीरपुरी एच ब्लाक के पीयूष, निखिल व आशीष के रूप में हुई है। साथ ही आपको बता दें की नजफगढ़ ड्रेन ओवरफ्लो हो जाने के बाद मुखर्जी नगर का बड़ा इलाका जलमग्न हो गया। सबसे ज्यादा हकीकत नगर प्रभावित रहा। यहां हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने लगभग सभी मकानों को खाली करा लिया है। लोगों ने शिकायत करते हुए कहा, “उन्हें शिविर में सरकार की ओर से कोई सुविधा नहीं मिल रही। कुछ लोगों को तो सिर ढकने के लिए टेंट भी नहीं मिले।” अनिल चौधरी ने लोगों की दिक्कतों को समझते हुए दिल्ली सरकार से तुरंत इन लोगों के खाते में पांच हजार रुपये डालने की मांग की।

रेस्क्यू टीम द्वारा मदद

Delhi Flood: देर रात प्रशासन ने रेस्क्यू कर लोगों को घरों से निकाला। प्रभावित लोगों को आटम लेन स्थित पत्राचार विद्यालय में बनाए गए आश्रय केंद्र में रखा गया है। हकीकत नगर के अलावा इंदिरा विहार, नेहरू विहार, डीडीए एसएफएस फ्लैट कॉलोनी आदि क्षेत्रों में लगातार जलभराव बढ़ता जा रहा है। पुलिस लोगों से सुरक्षित स्थानों की ओर चले जाने की मुनादी करा रही है। मुखर्जी नगर से बत्रा कांप्लेक्स की ओर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से प्रभावित पीड़ित लोगों से मिलने मयूर विहार फेस-1 पुश्ता रोड पर बने राहत शिविर में पहुंचे दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी। उन्होंने लोगों से मिलकर उनकी समस्या सुनी। लोगों ने शिकायत करते हुए कहा, “उन्हें शिविर में सरकार की ओर से कोई सुविधा नहीं मिल रही। कुछ लोगों को तो सिर ढकने के लिए टेंट भी नहीं मिले।

क्या ज्यादा जरूरी जिम्मेदारी या सियासत?

Delhi Flood: ” अनिल चौधरी ने लोगों की दिक्कतों को समझते हुए दिल्ली सरकार से तुरंत इन लोगों के खाते में पांच हजार रुपये डालने की मांग की। ऐसे में सवाल ये उठता है की क्या आरोप-प्रत्यारोप का खमयाजा दिल्ली की जनता भूगत रही है। क्या इस हालात में भी सियासत जरुरी है। साथ ही सवाल बाढ़ से जुड़ा भी है आखिर दिल्ली किसकी जिम्मेदारी है। क्या दिल्ली की दशा सही रहती तो हालात ऐसे रहते है। क्योंकि ये दिल्ली देश की राजधानी आपसी मतभेद का दंश झेल रही है।

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