FIR में बृजभूषण सिंह की काली करतूतों का मुखौटा सबके सामने?

Brij Bhushan singh
FIR on Brij Bhushan: कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ FIR में महिला पहलवानों ने आपबीती बताई. अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ आज FIR दर्ज हुई. एफआईआर का हर शब्द विचलित करता है.
महिला खिलाड़ियों की आपबीती ने दिल झकझोर दिया है. FIR का एक-एक शब्द चीख-चीखकर महिला खिलाड़ियों का दर्द बयां कर रहा है. एफआईआर में छाती से नाभी, जांगों और घुटनों तक को जबरन छूने की बात कही गई.
सांस चेक करने के बहाने जबरदस्ती छूने तक का आरोप भी अध्यक्ष पर है. ये आरोप बेहद ही संगीन है. वो भी तब जब आरोप लगाने वाली महिलाओं में से एक नाबालिग भी है.
क्या सरकार भी दे रही बृजभूषण का साथ? (FIR on Brij Bhushan)
ये दर्द न तो दिल्ली की धड़कन सुनने वाली दिल्ली पुलिस को दिखाई दिया औऱ न ही सरकार को.दिल्ली पुलिस कार्रवाई के नाम पर न जाने किस शुभ घड़ी का इंतजार कर रही थी. क्या बृजभूषण शरण सिंह का रसूख इतना ज्यादा था कि शिकायत दर्ज कराने तक के लिए सुप्रीम कोर्ट को दखल देना पड़ा.
सवाल सरकार से भी है कि क्या सरकार अध्यक्ष को बचाने की कोशिश कर रही है.क्या सरकार को देश की इन बेटियों का दर्द दिखाई नहीं दे रहा है.
सरकार के आगे नही झुकेंगी किसानों की बेटियां!
उन्हीं किसानों की बेटियां हैं जिन किसानों से देश के प्रधानमंत्री को किसान क़ानून को वापस लेना पड़ा था.
जी हां, वही क़ानून जो पंजाब, हरियाणा से शुरू होकर धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गया था. और सालभर तक देश उबलता रहा.ऐसा अक्सर क्यों होता है कि सरकार में बैठे मंत्रियों, नेताओं द्वारा किए गए जुर्म को स्वीकार नहीं किया जाता है..या उन्हें अंत तक संरक्षण देने की कोशिश की जाती है.
सवाल इस देरी पर हैं क्योंकि देश की आन-बान और शान बढ़ाने वाली पहलवान खिलाड़ी पिछले एक महीने से सड़कों पर बैठी हैं.
इंतेहां इस क़दर हो गई कि अपने जीवनभर की मेहनत को वो गंगा में बहाने निकल पड़ीं.
पहलवानों को मिल रहा BJP महिला नेताओं का साथ
लेकिन अब महिला खिलाड़ियों को बीजेपी की महिला नेताओं का साथ भी मिलने लगा है.चाहे वो प्रीतम मुंडे हों या फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी.इसके अलावा 1983 की चैंपियन टीम भी महिला पहलवानों के साथ आकर खड़ी हो गई है.एक साझा बयान में चैंपियन्स की ओर से धैर्य रखने की अपील की गई है.
इस पूरे मामले को देखते हुए कहीं न कहीं अब बीजेपी और बृजभूषण पर दबाव बढ़ गया है.यही वजह है कि कुश्ती संघ अध्यक्ष को बीजेपी ने आक्रामक बयानबाजी से बचने की सलाह दे डाली है.
पहलवानों के समर्थन में खाप पंचायत ने दी सरकार को चुनौती
संत समाज बृज भूषण के समर्थन में आन खड़ा हुआ तो वहीं उत्तर प्रदेश और हरियाणा में महिला पहलवानों के समर्थन में खाप पंचायत हो रही है.खाप पंचायत ने 9 जून तक अल्टीमेटम सरकार को दे दिया है.खाप का कहना है कि 9 जून तक गिरफ़्तारी न होने पर आंदोलन होगा.
ये कि क्या सरकार फिर से आंदोलन का ही इंतज़ार कर रही थी
सवाल उठता है दिल्ली पुलिस की धीमी जांच पर?
दिल्ली पुलिस की कछुआ चाल पर भी है. सवाल राजधानी की पुलिस की खानापूर्ति पर भी है, कि क्या पुलिस इतनी संवेदनहीन हो गई है..सवाल परत दर परत अनेक हैं.. इन्हीं सब मुद्दों पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि क्या सरकार मजबूर है.. क्या दिल्ली पुलिस महिलाओं को लेकर संवेदनशील नहीं है.. आखिर कब इन बेटियों को इंसाफ़ मिलेगा.
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