Breaking Bad जैसी कहानी: दो टीचर बने ड्रग माफिया

राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां दो सरकारी स्कूलों के साइंस टीचर्स ने पढ़ाने का पेशा छोड़कर ड्रग माफिया बनने का रास्ता चुन लिया।

इन दोनों ने स्कूल की केमिस्ट्री लैब छोड़कर, असल ज़िंदगी में एक हाई-टेक ड्रग लैब बना ली। बताया जा रहा है कि उन्होंने मशहूर वेब सीरीज़ Breaking Bad से प्रेरणा ली और उसी की तरह म्युफेड्रोन (MD) नाम की ड्रग बनाना शुरू किया।

हफ्ते में टीचर, वीकेंड में ड्रग्स कुक

  • दोनों आरोपी सरकारी स्कूल में टीचर हैं।
  • सोमवार से शुक्रवार तक बच्चों को पढ़ाते थे।
  • वीकेंड पर एक किराए के फ्लैट में ड्रग बनाते थे।
  • दिल्ली से ज़रूरी केमिकल्स और लैब उपकरण मंगवाए।
  • धीरे-धीरे अपनी खुद की ड्रग फैक्ट्री तैयार कर ली।

NCB की रेड और 15 करोड़ की ड्रग्स की बरामदगी

जब NCB (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) को इसकी जानकारी मिली, तो टीम ने छापा मारा।

  • करीब 780 ग्राम म्युफेड्रोन जब्त किया गया, जिसकी कीमत ₹2.3 करोड़ बताई गई।
  • अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपी करीब 5 किलो ड्रग्स बना चुके थे, जिसकी कुल कीमत ₹15 करोड़ से ज़्यादा है।

आरोपियों की सफाई: “कर्ज़ चुकाना था”

पूछताछ में दोनों ने कहा कि उन्होंने यह सब कर्ज़ चुकाने और बेहतर ज़िंदगी जीने के लिए किया।
लेकिन हकीकत यह है कि उन्होंने टीचर जैसी ज़िम्मेदार भूमिका को छोड़कर अपराध की राह चुन ली।

पुलिस की जांच जारी

अब NCB और पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि:

  • उन्होंने ये ड्रग्स कहां-कहां सप्लाई किए?
  • इस नेटवर्क में और कौन शामिल है?
  • उनके दिल्ली स्थित सप्लायर कौन हैं?

यह सिर्फ कानून का नहीं, नैतिकता का भी सवाल है

इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
जब शिक्षक ही अपराध करने लगें, तो समाज के बाकी हिस्सों पर क्या असर पड़ेगा?

यह सिर्फ कानून तोड़ने का मामला नहीं है, बल्कि शिक्षा, भरोसे और नैतिकता की हार भी है।

(This article is written by Rhea Kaushik , Intern at News World India.)

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