भूटान पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11–12 नवंबर को दो दिन की भूटान यात्रा पर हैं। रवाना होने से पहले PM मोदी ने एक्स (Twitter) पर लिखा कि यह यात्रा भारत–भूटान मित्रता में नई ऊर्जा भरेगी।
पिछले 11 वर्षों में यह उनकी चौथी भूटान यात्रा है, जो दोनों देशों के गहरे रिश्ते को दर्शाती है।

भूटान नरेश से मुलाकात, ऊर्जा सहयोग प्रमुख एजेंडा

भूटान पहुंचने पर PM मोदी की मुलाकात भूटान के वर्तमान और चतुर्थ राजा, और प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से होगी।
इन बैठकों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना, व्यापार, सुरक्षा और विकास सहयोग पर गहन चर्चा होगी।

इस यात्रा का सबसे बड़ा आकर्षण है:

पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन

यह मेगा परियोजना भारत–भूटान की ऊर्जा साझेदारी को नई ऊंचाई देगी। भूटान अपनी 75% बिजली जलविद्युत परियोजनाओं से पैदा करता है और इसका बड़ा हिस्सा भारत को निर्यात करता है।

चौथे भूटानी राजा का 70वां जन्मदिन — विशेष अवसर पर यात्रा

यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भूटान अपने चतुर्थ राजा का 70वां जन्मदिन मना रहा है।
PM मोदी ने कहा कि भारत और भूटान के रिश्ते विश्वास, सद्भावना और ऐतिहासिक जुड़ाव पर आधारित हैं।
यह भारत की Neighbourhood First नीति का एक शानदार उदाहरण है।

सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जुड़ाव बेहद गहरे

भारत और भूटान दोनों बौद्ध परंपरा से जुड़े हुए हैं। भारत ने हाल ही में भगवान बुद्ध के पिपरहवा अवशेष भूटान भेजे, जो वहां की जनता में बेहद लोकप्रिय हैं।

इसके अलावा:

  • भूटान में भारतीय टीवी, फिल्में, भोजन और फैशन काफी लोकप्रिय हैं।
  • भारतीय नागरिक बिना पासपोर्ट–वीज़ा के आसानी से भूटान की यात्रा कर सकते हैं।

यह सांस्कृतिक जुड़ाव दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत बनाता है।

PM मोदी करेंगे ग्लोबल शांति प्रार्थना महोत्सव में भाग

भूटान में भारत के राजदूत संदीप आर्य के अनुसार, PM मोदी वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव में भी शामिल होंगे।
यह एक बड़ा आध्यात्मिक आयोजन है जिसमें दुनिया भर की शांति और मानव कल्याण के लिए प्रार्थना की जाती है।
भूटानी सरकार के अनुसार, भारतीय प्रधानमंत्री की उपस्थिति इस आयोजन को विशेष महत्व देती है।

भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है भूटान?

भूटान का सामरिक और आर्थिक महत्व भारत के लिए बेहद अहम है।

1. चीन और भारत के बीच सामरिक बफर ज़ोन

भूटान दोनों देशों के बीच स्थित है।
2017 के डोकलाम विवाद में भारत ने भूटान की मदद की थी, जब चीन इस क्षेत्र में सड़क बना रहा था।
यह घटना दिखाती है कि भूटान भारत की सुरक्षा रणनीति में कितना महत्वपूर्ण है।

2. हाइड्रोपावर साझेदारी

भूटान की विदेशी मुद्रा आय का 80% हिस्सा भारत को बिजली बेचने से आता है।
दोनों देशों की कई संयुक्त परियोजनाएँ जारी हैं।

3. अंतरराष्ट्रीय समर्थन

भूटान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का पुरजोर समर्थन करता है।

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