पीएम मोदी “21वीं सदी भारत और आसियान की है”

आज मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आसियान शिखर सम्मेलन की शुरुआत हुई।
भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधित्व किया,
जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से अपना संबोधन दिया।

अपने उद्घाटन भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2026 को ‘आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष’ घोषित किया।

वर्ष 2026 होगा “भारत-आसियान समुद्री सहयोग वर्ष”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत हमेशा अपने आसियान मित्र देशों के साथ खड़ा रहा है,
चाहे संकट का समय हो या किसी मानवीय आपदा का दौर।

उन्होंने बताया कि मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR), समुद्री सुरक्षा, और नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) के क्षेत्र में भारत और आसियान के बीच सहयोग तेजी से बढ़ रहा है।
इसी को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2026 को समुद्री सहयोग वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है।

“भारत और आसियान के बीच साझेदारी समुद्र जितनी गहरी और व्यापक है,”
— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

“21वीं सदी हमारी सदी है — भारत और आसियान की सदी”

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और आसियान के बीच
शिक्षा, पर्यटन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है।

उन्होंने कहा —

“21वीं सदी हमारी सदी है। यह भारत और आसियान की सदी है।”

प्रधानमंत्री ने आसियान को भारत की “एक्ट ईस्ट नीति” का प्रमुख स्तंभ बताते हुए
इसकी केंद्रीय भूमिका की सराहना की।

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक साझेदारी पर जोर

मोदी ने कहा कि भारत और आसियान के बीच संबंध गहरे ऐतिहासिक और साझा मूल्यों पर आधारित हैं।
दोनों मिलकर दुनिया की लगभग एक-चौथाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

उन्होंने बताया कि यह साझेदारी सिर्फ व्यापारिक नहीं,
बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी बेहद मजबूत है।

“वर्तमान वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत-आसियान साझेदारी
स्थिरता और विकास का मजबूत स्तंभ बन रही है।” — पीएम मोदी

मलेशिया के प्रधानमंत्री को बधाई, आसियान देशों के प्रति आभार

प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी के लिए
मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम को बधाई दी।

उन्होंने फिलीपींस के राष्ट्रपति बोंगबोंग मार्कोस,
जो भारत के आसियान समन्वयक रहे हैं, को भी धन्यवाद दिया।

साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी ने तिमोर-लेस्ते को आसियान में शामिल होने पर शुभकामनाएं दीं
और थाईलैंड की रानी मां सिरीकित के निधन पर शोक व्यक्त किया।

शिखर सम्मेलन का विषय: समावेशिता और स्थिरता

इस वर्ष का आसियान शिखर सम्मेलन 10 दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का प्रमुख मंच है,
जहां व्यापार, सुरक्षा, शिक्षा और संस्कृति जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की जा रही है।

इस वर्ष का विषय है — “समावेशिता और स्थिरता”,
जिसकी प्रधानमंत्री मोदी ने सराहना करते हुए कहा कि यही दिशा
भविष्य के एशिया और विश्व के विकास को तय करेगी।

भारत-आसियान संबंधों को मिलेगी नई रफ्तार

प्रधानमंत्री मोदी की घोषणाओं और इस शिखर सम्मेलन से उम्मीद है कि
भारत और आसियान के बीच —

  • समुद्री सुरक्षा
  • आर्थिक विकास
  • शिक्षा और नवाचार
  • सांस्कृतिक सहयोग

को नई ऊर्जा और रफ्तार मिलेगी।

यह साझेदारी न केवल एशिया बल्कि पूरी दुनिया के लिए शांति, स्थिरता और प्रगति का प्रतीक बनेगी।

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