देव आनंद और सुरैया की अधूरी मोहब्बत

देव आनंद का नाम आते ही हिंदी सिनेमा का वह दौर याद आता है, जब उनका चार्म और स्टारडम हर दिल पर राज करता था। लगभग 100 फिल्मों में अभिनय करने वाले देव आनंद न केवल बेहतरीन अभिनेता थे, बल्कि अपने समय के सबसे स्टाइलिश और रोमांटिक सितारे भी माने जाते थे।

आज उनकी 102वीं जयंती पर हम आपको उनके और सुरैया के बीच की उस लव स्टोरी के बारे में बता रहे हैं, जो जितनी मशहूर थी, उतनी ही दर्दनाक भी रही।

देव आनंद का चार्म और उनका प्रभाव

  • देव आनंद का आकर्षण अद्वितीय था।
  • स्क्रीन पर आते ही दर्शकों की नजरें बस उन्हीं पर टिक जाती थीं।
  • लड़कियां उनके दीवानी थीं—इतनी कि ब्लैक कपड़े पहनने पर उन पर बैन लगाना पड़ा।
  • कहा जाता है कि पब्लिक में ब्लैक पहनते ही लड़कियां बेकाबू होकर पागलपन तक कर बैठती थीं।

सुरैया से पहली मुलाकात और प्यार की शुरुआत

  • 1948 में फिल्म विद्या के सेट पर दोनों की मुलाकात हुई।
  • गाने “किनारे-किनारे चले जाएंगे” की शूटिंग के दौरान उनकी बोट पलट गई।
  • देव आनंद ने सुरैया को बचाया और यहीं से उनकी मोहब्बत की शुरुआत हुई।

डायमंड रिंग के साथ हुआ प्रपोज़ल

  • देव आनंद ने फिल्म जीत के सेट पर सुरैया को 3000 रुपये की डायमंड रिंग देकर प्रपोज़ किया।
  • सुरैया ने भी इस रिश्ते को अपनाने की इच्छा जताई।
  • लेकिन उनकी नानी ने धर्म के नाम पर इसे सख्ती से खारिज कर दिया।

क्यों अधूरा रह गया रिश्ता?

  • देव आनंद पंजाबी हिंदू परिवार से थे।
  • सुरैया मुस्लिम पृष्ठभूमि से थीं।
  • धर्म की दीवार ने दोनों के बीच शादी को असंभव बना दिया।

अधूरा प्यार और जिंदगी भर का अकेलापन

  • देव आनंद ने बाद में अभिनेत्री कल्पना कार्तिक से शादी कर ली।
  • लेकिन सुरैया ने देव आनंद के बाद कभी शादी नहीं की।
  • उन्होंने अपनी जिंदगी अकेलेपन में गुज़ारी।
  • यही अधूरी मोहब्बत हिंदी सिनेमा की सबसे चर्चित और दर्दभरी कहानियों में गिनी जाती है।
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