राहुल के वोट डिलीट आरोप पर चुनाव आयोग का जवाब

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग पर मतदाता सूची से वोट डिलीट करने के गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद चुनाव आयोग ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने की घोषणा की। आयोग इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए राहुल गांधी के आरोपों का सीधा जवाब देगा।

चुनाव आयोग का बयान

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि:

  • मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे और निराधार हैं।
  • किसी भी नागरिक द्वारा ऑनलाइन डाला गया वोट हटाया नहीं जा सकता, जैसा कि राहुल गांधी ने दावा किया।
  • यदि किसी का नाम मतदाता सूची से हटाया जाता है, तो पहले उन्हें सुनवाई का अवसर दिया जाना अनिवार्य है।

अलंद विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण

आयोग ने बताया कि 2023 में अलंद विधानसभा क्षेत्र में कुछ असफल प्रयास हुए, जिसमें मतदाताओं के नाम हटाने की कोशिश की गई थी।

  • इस मामले की जांच चुनाव आयोग ने स्वयं की।
  • इस क्षेत्र से 2018 में सुभाष गुट्टेदार (भाजपा) और 2023 में बीआर पाटिल (कांग्रेस) जीत हासिल कर चुके हैं।

जेडीयू नेता केसी त्यागी की प्रतिक्रिया

जेडीयू नेता केसी त्यागी ने राहुल गांधी के आरोपों पर नाराजगी जताई।

  • उन्होंने कहा कि जनादेश जनता ने दिया है, लेकिन कांग्रेस इसे मानने को तैयार नहीं।
  • त्यागी ने आरोपों को बुनियादी तथ्यहीन बताते हुए कहा कि ओबीसी, एससी और एसटी मतदाता भाजपा और जेडीयू के साथ हैं।
  • उन्होंने यह भी कहा कि 2014 में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा गया, लेकिन किसी ने धांधली का आरोप नहीं लगाया।

राहुल गांधी ने क्या आरोप लगाए?

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि:

  1. चुनाव आयोग जानबूझकर लोगों के नाम मतदाता सूची से हटा रहा है
  2. आयोग विशेष रूप से दलित और ओबीसी मतदाताओं को निशाना बना रहा है।
  3. उन्होंने अपने आरोपों के सबूत भी पेश किए

निष्कर्ष

  • चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को गलत और निराधार करार दिया।
  • आयोग की तरफ से कहा गया कि किसी भी मतदाता का वोट हटाने से पहले सुनवाई और जांच अनिवार्य है।
  • इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद स्पष्ट हो गया कि आयोग संपूर्ण पारदर्शिता के साथ कार्रवाई कर रहा है।
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