बिजनौर में गुलदार का आतंक, चंद्रशेखर ने किया धरना

बिजनौर जिले में गुलदार (तेंदुआ) के हमले लगातार लोगों की जान ले रहे हैं, जिससे इलाके में सुरक्षा संकट उत्पन्न हो गया है। इस गंभीर स्थिति के खिलाफ नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने अपनी पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया।

लगातार मौतों का डर

  • पिछले एक साल में लगभग 43 लोग गुलदार के हमले में मारे जा चुके हैं
  • सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
  • सांसद ने बताया कि उन्होंने पहले भी इस समस्या को उठाया, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही जारी है।

अधिकारियों पर आरोप

चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा:

  • “अधिकारियों और कर्मचारियों को जनता की सुरक्षा की कोई परवाह नहीं। वे अपने दफ्तरों में सो रहे हैं।”
  • पिछले 10 दिनों में दो बच्चे और एक महिला की जान चली गई, जिससे किसान और मजदूर अपने खेतों पर नहीं जा पा रहे हैं।
  • उन्होंने केंद्रीय मंत्री और वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट, देहरादून से भी संपर्क किया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

मुआवजा और सुरक्षा की मांग

  • गुलदार के हमले में जान गंवाने वाले परिवारों को 5 लाख रुपये का मुआवजा पर्याप्त नहीं
  • सांसद ने कम से कम 25 लाख रुपये देने की मांग की।

“जिस परिवार का कमाने वाला चला जाता है, उसका पूरा परिवार बर्बाद हो जाता है।”

आंदोलन और चेतावनी

  • सांसद ने चेतावनी दी:

“हमारा जीवन आम जनता जितना ही अनमोल है। अगर कोई हादसा होता है, तो इसकी ज़िम्मेदारी सरकार की होगी।”

  • वे उसी गाँव में रहेंगे जहाँ गुलदार हमला कर रहा है, ताकि जनता की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
  • इसे केवल गुलदार का आतंक नहीं, बल्कि “सरकार की लापरवाही और गैर-ज़िम्मेदारी” का परिणाम बताया।

किसानों और स्थानीय लोगों की चिंता

  • बिजनौर एक कृषि प्रधान क्षेत्र है।
  • पहले ही बाढ़ से नुकसान हुआ, अब गुलदार के डर से लोग खेतों पर नहीं जा पा रहे
  • सांसद ने साफ किया कि अगर सरकार जल्द कार्रवाई नहीं करती, तो आंदोलन और तेज होगा।
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