वीआईपी पर्ची हटाई गई, अब दर्शन सभी के लिए समान

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर लाखों भक्तों के लिए सबसे महत्वपूर्ण आस्था स्थल है। हर दिन यहाँ देश-विदेश से श्रद्धालु ठाकुर जी के दर्शन करने आते हैं। लेकिन सालों से सवाल था कि क्या हर भक्त को बराबरी से दर्शन का मौका मिल पा रहा है?

वीआईपी पर्ची का खत्म होना

अब वीआईपी पर्ची व्यवस्था पूरी तरह बंद कर दी गई है।
पहले विशेष लोग या पर्चीधारी सीधे दर्शन कर जाते थे।
परिणामस्वरूप आम भक्त घंटों कतार में लगकर भी दर्शन नहीं कर पाते थे।
अब सभी भक्त एक समान लाइन में खड़े होकर दर्शन करेंगे।
इससे न्याय और समानता का सिद्धांत मजबूत होगा।

दर्शन का समय बढ़ा

अब मंदिर रोजाना तीन घंटे और ज्यादा खुला रहेगा
पहले समय की कमी की वजह से भीड़ बढ़ जाती थी।
अब भक्त बिना जल्दबाजी के शांति से दर्शन कर सकेंगे।
दूर-दराज से आए लोग भी आराम से अपना समय निकाल पाएंगे।

नियमों में बदलाव

मंदिर प्रबंधन ने 9 पुराने नियम बदल दिए
इन नए नियमों से:

  • लाइन व्यवस्थित होगी
  • भीड़ नियंत्रण आसान होगा
  • भक्तों को आरामदायक अनुभव मिलेगा
  • दर्शन प्रक्रिया सरल और सुरक्षित होगी

भक्तों की प्रतिक्रिया

भक्तों में ख़ुशी की लहर है।
अब सबको बराबरी से दर्शन का मौका मिलेगा।
पहले वीआईपी पर्ची के कारण भेदभाव की शिकायतें होती थीं।
अब हर भक्त महसूस करेगा कि “यहां सब समान हैं।”

धार्मिक और सामाजिक महत्व

  • हर भक्त भगवान का अपना बच्चा है।
  • भेदभाव की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
  • यह कदम प्रशासनिक सुधार ही नहीं, धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
  • मंदिर की परंपरा और सेवा भावना को और मजबूत करेगा।

निष्कर्ष

अब बांके बिहारी मंदिर में लागू होगा “पहले आओ, पहले पाओ” का नियम।
वीआईपी पर्ची खत्म और दर्शन समय बढ़ना दोनों फैसले भक्तों के लिए ऐतिहासिक बदलाव हैं।
यह निर्णय आने वाले समय में मंदिर को और ज्यादा भक्त-मित्रवत बनाएगा।

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