टिहरी झील को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल बनाने की पहल

उत्तराखंड सरकार और भारत सरकार की संयुक्त पहल पर एशियाई विकास बैंक (ADB) ने करीब 1,050 करोड़ रुपये का ऋण देने का समझौता किया है।
इस राशि का उपयोग टिहरी गढ़वाल जिले में जलवायु-अनुकूल, टिकाऊ और आधुनिक पर्यटन ढांचे के निर्माण में किया जाएगा।
इससे न केवल पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि हजारों लोगों के लिए नए रोजगार के अवसर भी बनेंगे।

पीएम मोदी के दौरे से पहले टिहरी को बड़ा तोहफा

  • टिहरी झील को उत्तराखंड का सबसे जलवायु-संवेदनशील और पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है।
  • लंबे समय से सरकार यहाँ सी-प्लेन सेवा और अन्य आधुनिक पर्यटन सुविधाएं विकसित करने का प्रयास कर रही थी।
  • अब एडीबी के ऋण से झील क्षेत्र में:
    ✔ उच्चस्तरीय बुनियादी ढांचा
    ✔ बेहतर स्वच्छता व्यवस्थाएं
    ✔ मजबूत आपदा प्रबंधन की तैयारियां संभव होंगी।

बड़ी संख्या में लाभार्थी

  • 87,000+ स्थानीय लोग सीधे तौर पर इस परियोजना से लाभान्वित होंगे।
  • सालाना लगभग 27 लाख पर्यटक आधुनिक और सुरक्षित पर्यटन सेवाओं का आनंद लेंगे।

यह परियोजना उत्तराखंड को सभी मौसमों में एक विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगी।

समझौते पर हस्ताक्षर

नई दिल्ली में हुए समझौते पर हस्ताक्षरकर्ता:

  • भारत सरकार की ओर से – जूही मुखर्जी, संयुक्त सचिव, वित्त मंत्रालय
  • एडीबी की ओर से – काई वेई येओ, भारत निवासी मिशन प्रमुख

जूही मुखर्जी ने बताया कि यह ऋण उत्तराखंड को विविध पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में मदद करेगा।
काई वेई येओ ने कहा कि यह मॉडल टिकाऊ पर्यटन का उदाहरण बनेगा, जो पर्यावरण की रक्षा और स्थानीय रोजगार को सशक्त करेगा।

परियोजना के मुख्य उद्देश्य

जलवायु-प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा – पर्यावरण के अनुकूल निर्माण
भूस्खलन व बाढ़ से सुरक्षा – प्राकृतिक उपायों से जोखिम कम करना
समावेशी पर्यटन सेवाएं – महिलाओं, युवाओं और निजी क्षेत्र की भागीदारी
आजीविका अनुदान कार्यक्रम – छोटे उद्यमियों को सहयोग
विकलांग अनुकूल सुविधाएं – आसान पहुंच व सहूलियतें
महिला नेतृत्व वाली आपदा प्रबंधन पहल – सशक्तिकरण व जागरूकता बढ़ाना

उत्तराखंड सरकार की रणनीति

उत्तराखंड सरकार की योजना है टिहरी झील को:
रोमांचक पर्यटन स्थल
सी-प्लेन सेवा के माध्यम से आसान पहुँच
साहसिक खेल और पर्यावरण-अनुकूल संरचना

अब एडीबी का सहयोग मिलने से ये योजनाएं तेज़ी से लागू होंगी और टिहरी झील को अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आकर्षण का केंद्र बनाया जाएगा।

निष्कर्ष

यह परियोजना सिर्फ पर्यटन का विकास नहीं, बल्कि:
स्थानीय लोगों की आजीविका मजबूत करेगी
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देगी
आपदा प्रबंधन क्षमता को बढ़ाएगी

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