देहरादून महिलाओं के लिए असुरक्षित शहरों में शामिल

राजधानी देहरादून फिर से चर्चा में है।
हाल ही में जारी हुई NARI 2025 रिपोर्ट के अनुसार,
देहरादून को महिलाओं के लिए असुरक्षित शहरों की श्रेणी में शामिल किया गया है।

रिपोर्ट का मुख्य निष्कर्ष

  • दिन के समय महिलाएं अपेक्षाकृत सुरक्षित महसूस करती हैं।
  • लेकिन रात में यह भरोसा बहुत घट जाता है।

सर्वे का आंकड़ा:

  • दिन में लगभग 70% महिलाओं ने खुद को सुरक्षित बताया।
  • रात में यह घटकर केवल 44% पर आ गया।

मतलब:
रात के समय सड़कों, सार्वजनिक परिवहन और सुनसान इलाकों में महिलाएं असहज महसूस करती हैं।

पुलिस का बयान

देहरादून पुलिस ने रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं।
एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि:

  • इतनी छोटे सैंपल साइज पर पूरे शहर को असुरक्षित बताना सही नहीं।
  • आधिकारिक आंकड़े इससे मेल नहीं खाते।
  • महिलाओं के खिलाफ अपराध राष्ट्रीय औसत से कम हैं।

सुधारात्मक कदम:

  • महिला गश्ती दल
  • पिंक बूथ
  • हेल्पलाइन सेवा

पुलिस का दावा:
इन उपायों से महिलाओं का भरोसा बढ़ा है।

महिला आयोग की प्रतिक्रिया

उत्तराखंड महिला आयोग ने कहा:

  • यह सर्वे किसी निजी एजेंसी द्वारा कराया गया है।
  • राष्ट्रीय महिला आयोग की मान्यता नहीं मिली।
  • विश्वसनीय आंकड़े केवल शिकायतों और अपराध दर्ज मामलों पर आधारित होने चाहिए।

महिलाओं का अनुभव

हालांकि प्रशासन और महिला आयोग रिपोर्ट को चुनौती दे रहे हैं,
कई महिलाएं खुद को रात में असुरक्षित महसूस करती हैं।

उदाहरण:

  • ऑफिस से देर रात लौटती महिलाएं।
  • छात्राएं जो सुनसान इलाकों या सार्वजनिक परिवहन में डर महसूस करती हैं।

दिन के समय स्थिति थोड़ी बेहतर लगती है।

पुलिस की तैयारियां

महिला सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।

  • संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात।
  • पिंक बूथ और मोबाइल ऐप से त्वरित शिकायत दर्ज करने की सुविधा।

पुलिस का दावा:
इन कदमों से हालात पहले से बेहतर हुए हैं।

सामाजिक और राजनीतिक बहस

यह रिपोर्ट समाज में बहस का विषय बनी हुई है।

  • एक ओर: पुलिस और महिला आयोग रिपोर्ट के तथ्यों पर सवाल उठा रहे हैं।
  • दूसरी ओर: यह सर्वे उन महिलाओं की आवाज़ को सामने लाता है,
    जो खुद को सुरक्षित नहीं मानतीं।

निष्कर्ष

सच यही है कि महिलाओं की सुरक्षा केवल
कानून-व्यवस्था का नहीं, पूरा समाज का जिम्मा है।

सरकार, प्रशासन और आम नागरिकों को मिलकर ऐसा वातावरण बनाना होगा,
जहां महिलाएं दिन हो या रात,
हर समय निडर होकर जीवन जी सकें।

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