फिर से लौट रहा ऐतिहासिक उत्सव ‘फूलवालों की सैर’

दिल्ली सरकार ने एक बार फिर ‘फूलवालों की सैर’ त्योहार को भव्य रूप से मनाने की तैयारी शुरू कर दी है।
इस बार यह उत्सव 2 नवम्बर से 8 नवम्बर 2025 तक चलेगा, जिसमें दिल्ली की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को नए रंगों से सजाया जाएगा।

कैपिल मिश्रा का बयान

कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री श्री कपिल मिश्रा ने दिल्ली सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की।
उन्होंने कहा –

“फूलवालों की सैर दिल्ली की पहचान है। हमारी पूरी कोशिश है कि यह सदियों पुरानी परंपरा फिर से जीवंत हो। इस बार इसे और भी भव्य बनाया जाएगा।”

सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस आयोजन में पूरी सक्रियता से भाग लें और ठोस योजनाएं बनाकर कार्यक्रम को ऐतिहासिक एवं यादगार बनाएं।

फूलवालों की सैर – भाईचारे और एकता का प्रतीक

‘फूलवालों की सैर’ सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि दिल्ली की गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक है।
इस परंपरा में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय मिलकर फूलों की चादर और पंखे अर्पित करते हैं।
यह आयोजन हमेशा से सांस्कृतिक एकता, भाईचारा और सामूहिक उत्सव का प्रतीक रहा है।

इस वर्ष के मुख्य आकर्षण

इस साल के ‘फूलवालों की सैर’ में निम्न कार्यक्रम होंगे:

  • रंग-बिरंगी झांकियाँ
  • सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
  • कव्वाली और लोक संगीत
  • ऐतिहासिक झलकियाँ
  • पारंपरिक पंखों की शोभा

दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से कलाकार और समाजसेवी भी इस आयोजन में हिस्सा लेंगे।

दिल्ली को सांस्कृतिक राजधानी बनाने का लक्ष्य

दिल्ली सरकार का उद्देश्य है –

इस परंपरा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना
साथ ही स्थानीय समुदाय की सहभागिता बढ़ाकर इसे हर साल और भव्य बनाना।
प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि पूरी दुनिया में दिल्ली की सांस्कृतिक विरासत चमक सके।

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