नक्सल विरोधी अभियान की ऐतिहासिक सफलता

देश भर में नक्सल विरोधी अभियान तेज़ी से चल रहे हैं।
इसी बीच, गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट को अंजाम देने वाले सीआरपीएफ जवानों और सुरक्षा बलों को सम्मानित किया।

14 मई की ऐतिहासिक सफलता

  • कुर्रागुट्लु हिल (केजीएच), छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर सबसे बड़ा ऑपरेशन हुआ।
  • इस अभियान में 31 कुख्यात नक्सली मारे गए
  • इसमें सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस, डीआरजी और कोबरा बल ने हिस्सा लिया।

जवानों का सम्मान

गृह मंत्री ने कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर ऑपरेशन करने वाले जवानों से मुलाकात की।
उन्हें शॉल भेंट कर सम्मानित किया।

अमित शाह बोले—

“नक्सल विरोधी अभियानों के इतिहास में यह बहादुरी एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगी।”

उन्होंने जवानों के साहस की तारीफ करते हुए कहा कि:

  • गर्मी, ऊंचाई और आईईडी खतरे के बावजूद उन्होंने दुश्मनों को हराया।
  • नक्सलियों के बेस कैंप और सप्लाई चेन को नष्ट कर दिया।

नक्सलियों पर कड़ा प्रहार

अमित शाह ने कहा कि नक्सलियों ने:

  • गरीब इलाकों को विकास से वंचित रखा।
  • स्कूल और अस्पताल बंद कराए।
  • सरकारी योजनाओं को जनता तक नहीं पहुंचने दिया।

लेकिन ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट ने नक्सलियों की ताकत और नेटवर्क को तोड़ दिया।

2026 तक नक्सल मुक्त भारत का संकल्प

गृह मंत्री ने स्पष्ट कहा:

  • “जब तक नक्सली आत्मसमर्पण नहीं करते, पकड़े नहीं जाते या खत्म नहीं हो जाते, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।”
  • नक्सल विरोधी अभियानों से 6.5 करोड़ लोगों के जीवन में नया सूर्योदय आया है।
  • लक्ष्य: 31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सल मुक्त करना।

सिर्फ 21 दिनों में पूरा हुआ अभियान

कुर्रागुट्टालु हिल नक्सलियों का बड़ा गढ़ था—

  • PLGA बटालियन-1, DKSZC, TSC और CRC जैसे संगठन यहीं से चलते थे।
  • यहां नक्सलियों को प्रशिक्षण, रणनीति और हथियार बनाने की सुविधा थी।

सुरक्षा बलों ने इस ठिकाने को सिर्फ 21 दिनों में ध्वस्त कर दिया।

मील का पत्थर साबित हुआ ऑपरेशन

ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट ने साबित कर दिया कि भारत अब नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है।
यह अभियान न सिर्फ एक बड़ी जीत है बल्कि नक्सल मुक्त भारत की दिशा में एक मील का पत्थर भी।

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