स्मृति (Memory): मस्तिष्क की चमत्कारिक शक्ति

स्मृति हमारे मस्तिष्क की वह प्रक्रिया है जिसके ज़रिए हम अनुभवों, जानकारियों और भावनाओं को संग्रहित (store), याद (recall) और कभी-कभी भुला (forget) भी देते हैं।
यह हमारी सोचने, समझने, सीखने, बोलने और निर्णय लेने की क्षमता का मूल आधार है।

हमारे मस्तिष्क का “Hippocampus” नामक हिस्सा स्मृतियों को संजोने में अहम भूमिका निभाता है।

स्मृति के प्रकार (Types of Memory)

1. सेंसरी मेमोरी (Sensory Memory)

  • यह बेहद अल्पकालिक (कुछ मिलीसेकंड्स से सेकंड्स तक) होती है।
  • जैसे: हवा में गुज़रती एक कार की आवाज़ या झपकती हुई रोशनी।

2. शॉर्ट टर्म मेमोरी (Short-Term Memory)

  • इसे वर्किंग मेमोरी भी कहते हैं।
  • जानकारी कुछ सेकंड्स से मिनटों तक रहती है।
  • जैसे: किसी का मोबाइल नंबर थोड़ी देर के लिए याद रखना।

3. लॉन्ग टर्म मेमोरी (Long-Term Memory)

  • यह स्थाई होती है और सालों या जीवनभर बनी रह सकती है।
  • इसमें अनुभव, भाषा, आदतें, भावनाएं आदि शामिल होते हैं।
  • जैसे: अपने स्कूल का पहला दिन याद आना।

स्मृति कैसे बनती है?

  1. Encoding (संग्रह करना):
    जानकारी को दिमाग में समझने लायक रूप में बदलना।
  2. Storage (संचयन करना):
    एक बार जानकारी encode हो जाने के बाद, उसे मस्तिष्क में सुरक्षित रखना।
  3. Retrieval (पुनः प्राप्त करना):
    जब हमें जानकारी की ज़रूरत होती है, तो उसे दोबारा याद करना।

हम चीज़ें क्यों भूलते हैं?

  1. Encoding Failure:
    जानकारी को सही से संग्रह न करना (ध्यान न देना)।
  2. Storage Decay:
    समय के साथ जानकारी फीकी पड़ जाना (अगर दोहराया न जाए)।
  3. Interference:
    एक जानकारी दूसरी को दबा देती है।
    जैसे: नया पासवर्ड याद करते हुए पुराना भूल जाना।
  4. Retrieval Failure:
    जानकारी दिमाग में होती है, लेकिन याद नहीं आती।
    जैसे: “ज़ुबान पर है, लेकिन याद नहीं आ रहा”।

याददाश्त कैसे बढ़ाएं?

  • 🎯 ध्यान केंद्रित करें:
    बिना ध्यान के कुछ भी याद रखना मुश्किल होता है।
  • 🔁 दोहराव करें (Repetition):
    बार-बार पढ़ना, लिखना और बोलना जानकारी को मजबूत करता है।
  • 🖼️ Visualization करें:
    किसी जानकारी को चित्र या कहानी से जोड़ना मददगार होता है।
  • 💤 पूरी नींद लें:
    अच्छी नींद स्मृति को स्थिर बनाती है।
  • 📝 लिखें (जर्नलिंग/नोट्स बनाएं):
    लिखने से याददाश्त और समझ दोनों बेहतर होती है।

निष्कर्ष

स्मृति हमारे जीवन की नींव है।
यही हमें पहचान, अनुभव और ज्ञान देती है।
हम जो याद रखते हैं और जो भूलते हैं – दोनों के पीछे कारण होते हैं।
लेकिन सही तकनीकों और आदतों से हम अपनी याददाश्त को बेहतर बना सकते हैं

Source  – researched by me and taken help of AI to frame it

This article is written by Shreya Bharti, Intern at News World India

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