माइंडफुल ईटिंग बनाम इमोशनल ईटिंग

क्या है माइंडफुल ईटिंग?

माइंडफुल ईटिंग यानी होश में रहकर खाना।
इसका मतलब है:

  • जब खाना खाएं, तो सिर्फ खाने पर ध्यान दें – न मोबाइल, न टीवी।
  • हर निवाले का स्वाद, गंध और बनावट को महसूस करें।
  • खुद से पूछें – क्या मैं वाकई भूखा हूँ?
  • खाते समय शरीर के संकेतों को पहचानें – भूख और तृप्ति को समझें।

माइंडफुल ईटिंग एक पूरा अनुभव है – सिर्फ पेट भरना नहीं, बल्कि तन-मन को संतुष्ट करना।

क्या है इमोशनल ईटिंग?

इमोशनल ईटिंग तब होती है जब हम:

  • उदास, गुस्से में, थके हुए या तनाव में होते हैं
  • बिना भूख के, सिर्फ भावनाओं के कारण कुछ मीठा या जंक फूड खाने लगते हैं
  • खाने से हमें थोड़ी राहत तो मिलती है, लेकिन असली समस्या वहीं की वहीं रहती है

ये आदत हमें भावनाओं से भागने की तरफ ले जाती है – न कि उन्हें समझने की।

कैसे समझें: माइंडफुल ईटिंग या इमोशनल ईटिंग?

संकेतमाइंडफुल ईटिंगइमोशनल ईटिंग
भूखसच में भूख लगती हैपेट नहीं, मन भूखा लगता है
खाने की पसंदकुछ भी चलेगा – दाल, फल, सब्ज़ीखास चीज़ चाहिए – चॉकलेट, चिप्स
खाने का अनुभवधीरे-धीरे खाकर संतुष्टि मिलती हैजल्दी-जल्दी खाने के बाद पछतावा होता है

माइंडफुल ईटिंग के फायदे

  • ओवरईटिंग नहीं होती
  • वजन नियंत्रित रहता है
  • पाचन बेहतर होता है
  • मन शांत और संतुष्ट रहता है
  • खाने का सही आनंद मिलता है

इमोशनल ईटिंग के नुकसान

  • वजन बढ़ता है
  • डायबिटीज, हाई बीपी जैसी समस्याएं
  • मानसिक तनाव बढ़ता है
  • भावनाओं से भागने की आदत बन जाती है
  • खाने के बाद गिल्ट और आत्मग्लानि

कैसे अपनाएं माइंडफुल ईटिंग?

  • खाने से पहले 2 मिनट रुककर खुद से पूछें – क्या मैं सच में भूखा हूँ?
  • हर निवाले को धीरे-धीरे चबाएं
  • फोन और टीवी को दूर रखें
  • प्लेट में जरूरत से ज़्यादा न लें
  • अपने मूड और भावनाओं पर नज़र रखें

इमोशनल ईटिंग से बचने के उपाय

  • तनाव में खाने की बजाय टहलें या गहरी सांस लें
  • डायरी में मन की बातें लिखें
  • किसी भरोसेमंद दोस्त से बात करें
  • ध्यान (मेडिटेशन) करें
  • खुद को दोषी न मानें – सीखें और आगे बढ़ें

निष्कर्ष: खाना सिर्फ पेट के लिए नहीं, मन के लिए भी है

अगर हम भावनाओं से लड़ने के लिए खाना इस्तेमाल करते हैं, तो यह हमें अंदर से कमजोर बनाता है।
लेकिन अगर हम ध्यान और समझदारी से खाते हैं, तो खाना हमें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाता है।

This article is written by Shreya Bharti, Intern at News World India

Source researched by me and AI help to frame it

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