मामूली क्लर्क, लेकिन करोड़ों की दौलत!

कर्नाटक में लोकायुक्त की छापेमारी ने चौंका दिया सबको।

नाम: कलकप्पा निदगुंडी
पद: क्लर्क, कर्नाटक ग्रामीण अवसंरचना विकास लिमिटेड (KRIDL)
तनख्वाह: ₹15,000 प्रति माह
संपत्ति: करोड़ों में!

छापेमारी में क्या-क्या निकला?

लोकायुक्त ने जब उसके घर और ठिकानों पर छापा मारा, तो जो सामने आया, उसने सबको हैरान कर दिया:

  • 🏠 24 आलीशान मकान
  • 🧱 6 प्लॉट (भूखंड)
  • 🌾 40 एकड़ खेती की जमीन
  • 🪙 1 किलो सोना
  • 🚗 महंगी गाड़ियाँ
  • 💰 नकद और भारी बैंक बैलेंस

अब सोचिए — जब एक क्लर्क का ये हाल है, तो अफसरों के पास क्या होगा?

20 साल में बना करोड़पति!

निदगुंडी पिछले 20 वर्षों से नौकरी में था, लेकिन उसकी सैलरी कभी भी इतनी नहीं रही कि वह इतनी बड़ी संपत्ति बना सके।

तो पैसा आया कहां से?

फर्जीवाड़ा और रिश्वत की कमाई

लोकायुक्त की जांच में पता चला:

  • फर्जी बिल
  • नकली दस्तावेज
  • रिश्वतखोरी
  • दूसरों के नाम पर संपत्ति

मतलब — काम से ज़्यादा धांधली की कमाई।

सिर्फ यही नहीं, और भी बड़े खुलासे

यह पहला मामला नहीं है। हाल ही में लोकायुक्त ने कई और अफसरों पर भी कार्रवाई की:

  • 🗓️ 29 जुलाई: 5 अफसरों के पास से ₹24 करोड़ की काली कमाई
  • 📆 कुछ दिन पहले: 8 अफसरों के पास से ₹34.90 करोड़ की संपत्ति

यानि सरकारी दफ्तरों के भीतर बहुत कुछ काला चल रहा है।

जनता का गुस्सा और सवाल

  • जब एक क्लर्क के पास ₹30 करोड़ की संपत्ति हो सकती है,
    तो IAS-IPS जैसे अधिकारियों के पास क्या होगा?
  • क्या सिस्टम इतना कमजोर है कि कोई भी बिना डर के करोड़पति बन सकता है?

अब सिर्फ रेड नहीं, सजा भी चाहिए!

ये घटनाएं बताती हैं कि अब वक्त आ गया है कि:

  • सिर्फ छापा मारने से बात नहीं बनेगी
  • कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए
  • बेनामी संपत्ति जब्त होनी चाहिए
  • और सख्त सजा भी मिलनी चाहिए

वरना…

₹15,000 की सैलरी लेने वाले
‘करोड़पति बाबू’ बनते रहेंगे,
और हम सिर्फ अख़बार में पढ़ते रहेंगे।

https://www.ndtv.com/india-news/24-houses-4-plots-assets-worth-rs-30-crore-seized-from-karnataka-official-during-lokayukta-raids-8997896

This article is written by Pragya Rai, Intern at News World India

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