संसद सत्र शुरू, लोकसभा-राज्यसभा में हंगामा।

संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है, जो 32 दिनों तक चलेगा और इस दौरान कुल 21 बैठकें होंगी।
सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मीडिया को संबोधित करेंगे। हालांकि, इस बार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे अहम मुद्दों पर बयान पीएम नहीं, बल्कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह देंगे।

राज्यसभा में विपक्ष को ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े सवाल पूछने की अनुमति दी जाएगी। ऐसे में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस और हंगामे की संभावना जताई जा रही है।

सर्वदलीय बैठक: विपक्ष ने की पीएम से जवाब की मांग

सत्र शुरू होने से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, जिसमें कुल 54 नेताओं ने हिस्सा लिया।
कांग्रेस के जयराम रमेश, जेपी नड्डा, किरेन रिजिजू समेत कई दलों के नेता इसमें मौजूद रहे।

बैठक में विपक्ष ने एकजुट होकर मांग की कि पीएम मोदी ऑपरेशन सिंदूर और डोनाल्ड ट्रंप के बयानों पर खुद संसद में बयान दें।

बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने की, जबकि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा:

“सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है, लेकिन बहस संसदीय नियमों के दायरे में ही होगी।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पीएम मोदी आमतौर पर संसद में मौजूद रहते हैं, लेकिन हर समय उनकी उपस्थिति की अपेक्षा नहीं की जा सकती।
मंत्रीगण अपने-अपने विभागों से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए सत्र के दौरान सदन में उपलब्ध रहेंगे।

मानसून सत्र 2025: क्या है विधेयकों का एजेंडा?

सरकार ने इस बार संसद में कुल 17 विधेयक पेश करने की योजना बनाई है, जिनमें:

  • 8 नए विधेयक
  • 9 पहले से लंबित विधेयक शामिल हैं।

प्रमुख विधेयक जिन पर नज़र रहेगी:

  1. नई इनकम टैक्स प्रणाली से जुड़ा संशोधन विधेयक
  2. खनिज (माइनिंग) क्षेत्र सुधार संबंधित विधेयक
  3. कोस्टल शिपिंग और समुद्री व्यापार को बढ़ावा देने वाला विधेयक
  4. नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस एक्ट, जो खेल संगठनों में पारदर्शिता लाएगा

सरकार का मकसद इन विधेयकों के ज़रिए आर्थिक सुधार, व्यापार में सुगमता और सुशासन को बढ़ावा देना है।
इन पर सदन में विस्तृत बहस की संभावना है, खासकर उन मुद्दों पर जो सीधे आम जनता से जुड़े हैं।

रिजिजू की अपील: सहयोग करें, सभी को मिलेगा मौका

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष से संसद को सुचारु रूप से चलाने में सहयोग की अपील की।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि:

  • सभी विषयों पर नियमानुसार चर्चा होगी
  • सरकार किसी भी अहम मुद्दे से भाग नहीं रही
  • छोटे दलों को भी बोलने का पर्याप्त समय मिलेगा
  • सभी दलों को संतुलित और समान अवसर दिए जाएंगे

(This article is written by Shreya Bharti, Intern at News World India.)

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