यूएई ने भारतीयों के लिए बिना निवेश के ₹23.3 लाख में आजीवन गोल्डन वीज़ा शुरू किया  

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भारतीयों के लिए एक नया गोल्डन वीज़ा शुरू किया है, जिसमें किसी संपत्ति या बिज़नेस में निवेश की ज़रूरत नहीं है। यह वीज़ा नॉमिनेशन के आधार पर दिया जाएगा और इसके लिए केवल एक बार AED 100,000 (करीब ₹23.3 लाख) फीस देनी होगी। इससे व्यक्ति को आजीवन UAE में रहने, काम करने और अपने परिवार को साथ रखने की अनुमति मिलेगी।  यह योजना फिलहाल केवल भारत और बांग्लादेश के लोगों के लिए शुरू की गई है। इसके तहत योग्य प्रोफेशनल्स, क्रिएटर्स और समाज में योगदान देने वाले लोग आवेदन कर सकते हैं।  पहले तीन महीनों में 5,000 से ज्यादा भारतीयों के आवेदन करने की उम्मीद है। वीज़ा देने से पहले उम्मीदवारों की पूरी जांच की जाएगी, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग, आपराधिक रिकॉर्ड और सोशल मीडिया गतिविधियों की जांच शामिल है। अंतिम फैसला UAE की अथॉरिटीज़ लेंगी। 

यूएई में निवास के लिए एक नया रास्ता: निवेश से परे

यह नॉमिनेशन-आधारित गोल्डन वीज़ा यूएई की पुरानी रेजिडेंसी प्रणाली से एक बड़ा बदलाव है, जिसमें पहले प्रॉपर्टी या बिज़नेस में बड़ा निवेश करना ज़रूरी होता था। अब यह वीज़ा ज्यादा लोगों के लिए उपलब्ध है, जैसे कि:

  • निवेशक
  • उद्यमी (Entrepreneurs)
  • होनहार छात्र
  • वैज्ञानिक
  • शिक्षक
  • 15 साल से ज़्यादा अनुभव वाले नर्स
  • डिजिटल कंटेंट बनाने वाले (Digital Creators)
  • ई-स्पोर्ट्स प्रोफेशनल
  • लग्ज़री याट (नौका) के मालिक

इससे ज्यादा लोगों को यूएई में रहने और काम करने का मौका मिलेगा।भारत में इस योजना का पायलट चरण चलाने वाले रयाद ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर, रयाद कमाल अयूब ने इसे “भारतीयों के लिए एक सुनहरा मौका” बताया है। उन्होंने कहा कि वीज़ा के लिए आवेदन करने वालों की कड़ी जांच की जाती है। इसमें उनकी आर्थिक स्थिति और सोशल मीडिया प्रोफाइल की भी जांच होती है, ताकि यह तय किया जा सके कि वे यूएई की अर्थव्यवस्था और समाज में अच्छा योगदान दे सकें।

यूएई का गोल्डन वीज़ा: प्रतिभा और निवेश को आकर्षित करने की रणनीति

गोल्डन वीज़ा कार्यक्रम की शुरुआत संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने 2019 में की थी। इसका मकसद ऐसे विदेशी नागरिकों को लंबी अवधि की रेजिडेंसी (निवास की अनुमति) देना था जो देश की अर्थव्यवस्था, समाज, या भविष्य के विकास में योगदान दे सकते हैं।

मुख्य उद्देश्य:

  • प्रतिभाशाली लोगों को आकर्षित करना
  • निवेश और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना
  • UAE को वैश्विक प्रतिभाओं के लिए पसंदीदा जगह बनाना

मुख्य उद्देश्य:

  • प्रतिभाशाली लोगों को आकर्षित करना
  • निवेश और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना
  • UAE को वैश्विक प्रतिभाओं के लिए पसंदीदा जगह बनाना

पहले की शर्तें:

शुरुआत में गोल्डन वीज़ा उन्हीं लोगों को मिलता था जो:

  • बड़ी रकम का निवेश करते थे (जैसे प्रॉपर्टी में)
  • बिज़नेस शुरू करते थे
  • उच्च शिक्षा या विज्ञान में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ रखते थे

अब क्या बदला है:

अब UAE ने इस प्रक्रिया को और आसान बना दिया है।

  • नए नॉमिनेशन-आधारित गोल्डन वीज़ा में किसी निवेश की ज़रूरत नहीं है।
  • यह आजीवन रेजिडेंसी देता है, यानी आपको हर कुछ साल में वीज़ा रिन्यू कराने की ज़रूरत नहीं।
  • अब यह ज्यादा तरह के प्रोफेशनल्स के लिए खुला है – जैसे डॉक्टर, शिक्षक, डिजिटल क्रिएटर्स, नर्स, खिलाड़ी आदि।

भारत में इसका महत्व:

  • बड़ी संख्या में भारतीय पहले से ही UAE में रहते और काम करते हैं।
  • अब बिना निवेश के भी वे वहां स्थायी रूप से बस सकते हैं और अपने परिवार को भी साथ ले जा सकते हैं।
  • यह वीज़ा भारत के प्रोफेशनल्स के लिए एक स्थिर, सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का मौका बन गया है।

यह कार्यक्रम न सिर्फ UAE के लिए टैलेंट और विविधता लाने का जरिया है, बल्कि भारतीयों के लिए विदेश में स्थायी और बेहतर भविष्य का रास्ता भी है।

2025 का नया अपडेट इस गोल्डन वीज़ा कार्यक्रम को और भी बड़ा और बेहतर बनाता है। यह दिखाता है कि यूएई खुद को नवाचार (Innovation), संस्कृति और नए बिज़नेस (Entrepreneurship) का एक ग्लोबल हब बनाना चाहता है।

पुराने और नए वीज़ा में फर्क:

  • पहले वाले वीज़ा निवेश पर आधारित थे। अगर किसी ने प्रॉपर्टी बेच दी, तो वीज़ा खत्म हो सकता था।
  • लेकिन नया नामांकन-आधारित गोल्डन वीज़ा इस बात पर निर्भर नहीं करता कि आपके पास प्रॉपर्टी है या नहीं। यह स्थायी निवास (Permanent Residency) देता है।

इस वीज़ा के फायदे:

  • आप अपने परिवार के सदस्यों (जैसे पत्नी, बच्चे, माता-पिता) को साथ ला सकते हैं।

Top of Form

  • घरेलू नौकर (Domestic Help) भी रख सकते हैं।
  • यूएई के अंदर आप स्वतंत्र रूप से बिज़नेस कर सकते हैं या कोई भी प्रोफेशनल काम कर सकते हैं – जैसे डॉक्टर, कंसल्टेंट, फ्रीलांसर आदि।

यह नया वीज़ा उन लोगों के लिए खास मौका है जो बिना बड़ी रकम निवेश किए, यूएई में स्थायी रूप से बसना और काम करना चाहते हैं।तर्कसंगत भारतीय का दृष्टिकोण यूएई द्वारा अपनी गोल्डन वीज़ा पात्रता को व्यापक बनाने का कदम आव्रजन के प्रति प्रगतिशील दृष्टिकोण को दर्शाता है जो केवल वित्तीय निवेश से अधिक प्रतिभा, योगदान और विविधता को महत्व देता है। यह बदलाव एक अधिक समावेशी और गतिशील समाज को प्रोत्साहित करता है, जहाँ विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवर फल-फूल सकते हैं और साझा समृद्धि में योगदान दे सकते हैं। यह शिक्षकों से लेकर डिजिटल क्रिएटर्स तक उत्कृष्टता के विविध रूपों को पहचानने के महत्व को भी रेखांकित करता है – सामंजस्यपूर्ण, अभिनव समुदायों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।

मुख्य जानकारी

  • एकमुश्त फीस: AED 100,000 (लगभग ₹23.3 लाख)
  • पात्रता: यह योजना फिलहाल भारत और बांग्लादेश के नागरिकों के लिए पायलट चरण में शुरू हुई है।

कोई निवेश नहीं: यह वीज़ा नामांकन (नॉमिनेशन) पर आधारित है, इसलिए प्रॉपर्टी या बिजनेस में निवेश की जरूरत नहीं है।

कौन आवेदन कर सकता है? (पात्र श्रेणियाँ)

  • निवेशक और उद्यमी
  • बेहतरीन छात्र, वैज्ञानिक, शिक्षक
  • 15 साल से ज्यादा अनुभव वाली नर्स
  • डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स (जैसे यूट्यूबर, इन्फ्लुएंसर)
  • ई-स्पोर्ट्स खिलाड़ी
  • लग्ज़री यॉट (नौका) के मालिक

आवेदन प्रक्रिया

  • आवेदन नामांकन के जरिए होता है, जो कुछ खास एजेंसियों (जैसे Rayad Group, VFS, One Vasco) के माध्यम से होता है।
  • आवेदकों की कड़ी जांच होती है जिसमें शामिल हैं:
    • मनी लॉन्ड्रिंग जांच (AML)
    • आपराधिक रिकॉर्ड जांच
    • सोशल मीडिया की समीक्षा

अंतिम मंजूरी यूएई सरकार देती है।

इस तरह यह योजना योग्य और भरोसेमंद लोगों को स्थायी रूप से यूएई में रहने का अवसर देती है।

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