सोशल मीडियो पर छाए भगवान राम,

भगवान राम के रंग में आज सारा ब्रह्माण रंगा हुआ है एक तरफ तो अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का  कार्यक्रम पूरा हो चुका है. यानि अब रामलला टेंट में नहीं गर्भ-गृह में रहेगें मंदिर में विराजमान हुए रामलला का पहला वीडियो भी सामने आया जो सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है इसमें रामलला की प्रतिमा पर खूबसूरत मुस्कान को देखा जा सकता है और चेहरे पर अनोखा तेज है उन्हें स्वर्ण आभूषणों से सजाया गया है. प्रतिमा को फूल-मालाओं से सजाया गया है. उनके सोने से बने मुकुट को भी देखा जा सकता है, जिसमें कई तरह के रत्न जड़े गए हैं.

अयोध्या में विराजमान हुए भगवान राम

राम मंदिर में विराजमान हुई रामलला की मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच है. इस मूर्ति को कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तैयार किया है. मूर्ति को काले पत्थर से तैयार किया गया है, ताकि दूध के जरिए जब अभिषेक किया जाए तो इसका पत्थर पर कोई असर नहीं पड़े. किसी अन्य पदार्थ का भी मूर्ति पर कोई असर नहीं होने वाला है. रामलला की मूर्ति को तैयार करने के लिए एक ही पत्थर का इस्तेमाल किया गया है, यानी एक ही पत्थर को तराश कर इसे तैयार किया गया है. रामलला की मूर्ति का वजन करीब 200 किलोग्राम है.श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है. पूर्व से पश्चिम तक इसकी लंबाई 380 फीट है, जबकि चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है. राम मंदिर में 392 पिलर्स लगाए गए हैं और इसमें 44 दरवाजे हैं. मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं और देवियों के चित्र बनाए गए हैं. भूतल पर मुख्य गर्भगृह में भगवान श्री राम के बचपन के स्वरूप यानी श्री रामलला की मूर्ति को रखा गया है.

ये पल.स्वर्णिम है ये क्षण.ऐतिहासिक है

मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहां सिंह द्वार के माध्यम से 32 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा जा सकता है. मंदिर में कुल पांच मंडप (हॉल) हैं – नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप. मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआं (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का है. मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में, कुबेर टीला में भगवान शिव के प्राचीन मंदिर को रेनोवेट किया गया है, साथ ही जटायु की एक मूर्ति भी स्थापित की गई है. 

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