गांव में विकास के नाम पर कीचड़ युक्त सड़कें हैं

एंकर – कहा जाता है कि किसी भी गांव के विकास का आकलन उसकी सड़कों को देखकर लगाया जाता है अगर गांव में पक्की सड़के हैं तो समझ लीजिए कि उस गांव में खूब विकास हुआ है लेकिन जिस गांव में सड़कों की हालत खस्ता हाल है वहां विकास क्या ही कराया गया होगा आज हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के संभल जिले के विकासखंड संभल की ग्राम पंचायत सलारपुर का. जहां गांव में विकास के नाम पर कीचड़ युक्त सड़कें हैं

नाले और नालियां पूरी तरह से चौंक पड़ी

नाले और नालियां पूरी तरह से चौंक पड़ी है गांव में इस कदर गंदगी पसरी हुई है कि लोगों को तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान ने गांव में विकास कार्य कराया ही नहीं है अगर विकास कराया है तो सिर्फ अपने क्षेत्र में जबकि प्रधान ने वोट सभी का लिया है. गांव की तस्वीर साफ बयां कर रही है कि गांव में किसी प्रकार का विकास कार्य हुआ ही नहीं है ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान के साथ राशन डीलर पर भी आरोप लगाए हैं ग्रामीणों का कहना है कि राशन डीलर पूरा राशन नहीं देता है जबकि सरकार की ओर से राशन उपभोक्ताओं को पूरा राशन देने के निर्देश हैं ऐसे में साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की योजनाओं को जिम्मेदार पलीता लगा रहे हैं. हालांकि ऐसा नहीं है कि जनप्रतिनिधि और सरकारी महकमे के अधिकारी और कर्मचारी पूरी तरह से जिम्मेदार हैं कुछ हद तक गांव के लोग भी जिम्मेदार हैं क्योंकि जागरूकता की कमी की वजह से वह अपनी बात अधिकारियों तक नहीं पहुंचा पाते और ऐसे में जनप्रतिनिधि और सरकारी अधिकारी उनकी इस जागरूकता की कमी का पूरा फायदा उठाते हैं.

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