केवल 10 तारीखें.. और ‘माफिया का 44 सालों का साम्राज्य मिट्टी में मिल गया’
यूपी के माफिया अतीक अहमद की शनिवार देर रात 3 हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. अतीक के साथ ही उसके भाई अशरफ को भी गोली मारी गई. और इस तरह अतीक के 44 साल लम्बे माफिया साम्राज्य का अंत हो गया. इससे पहले 13 अप्रैल को यूपी एसटीएफ ने अतीक के तीसरे बेटे असद अहमद को झांसी के करीब परीक्षा में एक एनकाउंटर में मार गिराया था. असद के साथ ही शूटर गुलाम मुहम्मद को भी एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया.
13 तारीख को असद का हुआ था एनकाउंटर
शनिवार 15 अप्रैल को अतीक के बेटे असद को प्रयागराज में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. उसके जनाज़े में शामिल होने की इजाजत अतीक को मेजिस्ट्रेट से नहीं मिली. इस बीच पुलिस लगातार अतीक की फरार पत्नी शाइस्ता को पकड़ने के लिए भी जाल बुन रही है, लेकिन फिलहाल कोई कामयाबी हाथ नहीं लगी है. क्योंकि शाइस्ता न अपने बेटे असद के जनाज़े में शामिल हुई और न ही शौहर और देवर के आखिरी सफर में. फिलहाल शाइस्ता को ढूंढा जा रहा है.
लेकिन कैसे कुछ चंद तारीखों ने अतीक के साम्राज्य को हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर दिया. अतीकस पर 100 से ज्यादा मुकदमें दर्ज थे. भाई अशरफ पर भी 60 से अधीक मुकदमे दर्ज थे. जिनमें हत्या, लूट, डकैती जैसी वारदातें शामिल हैं. अतीक के डर का आलम इस बात से लगाया जा सकत है कि जब साल 2012 में अतीक अहमद ने चुनाव लड़ने के लिए कोर्ट में बेल के लिए याचिका दायर की थी, तब 10 जजों ने केस लड़ने से मना कर दिया था. फिर 11वें जज ने सुनवाई की और अतीक को जमानत मिली.
एक बार सांसद, एक बार विधायक रहा
अतीक का नाम हाल ही में उमेश पाल हत्याकांड के बाद सामने आया. यूं तो अतीक ने तमाम जुर्म किए लेकिन उमेश पाल हत्याकांड के बाद उसका साम्राज्य ढहना शुरू हो गया. उस दिन से अब तक उसके गैंग को केवल तबाही देखने को मिली है.
वो 10 तारीखें, जब अतीक का साम्राज्य ढहने शुरू हो गया
24 फरवरी: 24 फरवरी को प्रयागराज की सड़कों पर दिनदहाड़े उमेश पाल और उसके दो गनर्स की हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल 19 साल पहले हुए राजू पाल हत्याकांड का मुख्य गवाह थे.
25 फरवरी: उमेश पाल की पत्नी ने अतीक, अशरफ, शाइस्ता समेत 9 लोगों पर मामला दर्ज कराया. उधर, जब यूपी विधानसभा में विपक्ष ने कानून के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा था..तब सीएम योगी ने सदन में कहा था इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे. सभी माफिया को मिट्टी में मिलाने का काम करेंगे.
26 फरवरी: उमेश पाल हत्याकांड के सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान हुई. पुलिस ने विजय चौधरी उर्फ उस्मान, अरबाज, अतीक के बेटे असद, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम, साबिर, अरमान की पहचान की.
27 फरवरी: पुलिस ने 27 फरवरी को अतीक अहमद के करीबी अरबाज को ढेर कर दिया. उमेश पाल की हत्या में शूटरों ने जिस क्रेटा कार का इस्तेमाल किया गया था, उसे अरबाज ही चला रहा था. अरबाज, अतीक अहमद की गाड़ी भी चलाता था.
5 मार्च: असद समेत सभी 5 शूटरों पर पुलिस ने ढाई लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए इनाम किया.
6 मार्च: प्रयागराज के लालापुर इलाके का रहने वाला विजय चौधरी बाहुबली डॉन अतीक अहमद का कुख्यात शार्प शूटर था. उसने ही उमेश पर सबसे पहले फायरिंग की थी. विजय चौधरी को यूपी पुलिस ने 6 मार्च को प्रयागराज के कौंधियारा में एनकाउंटर में मार गिराया था.
27 मार्च-28 मार्च: अतीक को साबरमती से प्रयागराज लाया गया. कोर्ट ने अतीक को उमेश पाल अपहरण केस में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. अतीक को 11 अप्रैल को दोबारा साबरमती से प्रयागराज लाया गया.
13 अप्रैल: अतीक के बेटे असद और गुलाम को एसटीएफ ने 13 अप्रैल को झांसी में एनकाउंटर में मार गिराया. दोनों पर उमेश पाल पर फायरिंग का आरोप था. उमेश पाल की हत्या का जो सीसीटीवी फुटेज सामने आया था, उसमें भी दोनों फायरिंग करते नजर आए थे. बेटे असद के एनकाउंटर के बाद अतीक टूट सा गया था.
14 अप्रैल: प्रयागराज में अतीक से 23 घंटे तक पूछताछ की गई.
15 अप्रैल: अतीक के बेटे असद को 15 अप्रैल की सुबह प्रयागराज में सुपुर्द ए खाक किया गया. देर रात प्रयागराज के काल्विन हॉस्पिटल के बाहर अतीक और उसके भाई की गोली मारकर हत्या कर दी गई. तीन लोगों ने अतीक और उसके भाई पर ताबड़तोड़ फायरिंग की. दोनों का वहीं अंत हो गया.
खौफ में था माफिया
एक वक्त था जब अतीक के नाम का ढंका पूरे पूर्वांचल में बजता था. लोग अतीक के नाम से थर-थर कांपते थे. लेकिन उमेश पाल हत्याकांड के बाद से यूपी पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद से ही अतीक अंदर ही अंदर डर में था. अतीक ने इस दौरान मीडिया कैमरे में भी कहा था कि कोर्ट के कंधे पर बंदूक रखकर मुझे मारना चाहते हैं.
12 अप्रैल को जब अतीक को प्रयागराज लाया जा रहा था, तब मीडिया के सवाल पर कि आप माफिया थे अब किस बात का डर.. आप पर सौ से अधिक मुकदमें दर्ज हैं. तब उसने कहा था कि.. सारी माफियगिरी मिट्टी में मिल गई. अब हमे रगड़ा जा रहा है. मेरे परिवार को परेशान किया जा रहा है.
मेरे घर की महिलाओं और बच्चों को परेशान किया जा रहा है. हमारा पूरा परिवार बर्बाद हो गया है. उमेशपाल की हत्या हम कैसे कर सकते हैं.. हम तो जेल में हैं.
उमेशपाल हत्याकांड…4 और फरार
उमेश पाल की पत्नी की शिकायत पर अतीक, भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता, बेटे असद, शूटर अरमान, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर समेत 9 लोगों पर मामला दर्ज किया गया. उमेश पाल हत्याकांड में शामिल 6 आरोपी मारे जा चुके हैं. जहां अरबाज, असद, गुलाम और विजय चौधरी का एनकाउंटर हुआ है, तो वहीं अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. जबकि अतीक की पत्नी शाइस्ता, शूटर अरमान, गुड्डू मुस्लिम और साबिर फरार है.
कैसे हुई अतीक अशरफ की हत्या
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात प्रयागराज में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. पुलिस घेरे में इस दोहरे हत्याकांड को अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी ने अंजाम दिया. तीनों पत्रकार बनकर मीडिया के काफिले के नजदीक पहुंचे थे. जैसे अतीक और उसके भाई ने मीडिया के सवालों का जवाब देना शुरू किया वैसे ही सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए तीनों हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. जिनमें से 17 राउंड फायर करने की बात सामने आई है. अतीक और उसका भाई मौके पर ढेर हो गए.
बड़ा माफिया बनने की है तीनों की इच्छा
अतीक हत्याकांड में शामिल सनी हमीरपुर, अरुण उर्फ कालिया कासगंज और लवलेश तिवारी बांदा जिले का रहने वाला है. लवलेश तिवारी बांदा के क्योतरा का रहने वाला है. लवलेश के खिलाफ चार पुलिस केस हैं. वह लड़की को थप्पड़ मारने के आरोप में जेल जा चुका है. सनी सिंह हमीरपुर जिले के कुरारा कस्बे का रहने वाला है. वो कुरारा पुलिस थाने का हिस्ट्रीशीटर है, जिसकी हिस्ट्रीशीट नंबर 281A है. उसके खिलाफ करीब 15 केस दर्ज हैं. जबकि अरुण ने जीआरपी थाने में तैनात पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी, जिसके बाद से ही वो फरार था.
क्यों की हत्या ?
FIR के मुताबिक, शूटरों ने पूछताछ में बताया कि वे अपराध की दुनिया में बड़ा नाम बनाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या की. इतना ही नहीं आरोपियों ने भी कहा कि वे पुलिस के घेरे के चलते भागने में सफल नहीं हो पाए