7 अक्टूबर को धूमधाम से मनाई जाएगी वाल्मीकि जयंती

उत्तर प्रदेश में 7 अक्टूबर का दिन विशेष होने जा रहा है। इस दिन पूरे 75 जिलों में महर्षि वाल्मीकि जयंती बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि हर जिले में दीप प्रज्ज्वलन, रामायण पाठ, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, ताकि समाज में एकता, समानता और सद्भाव का संदेश फैल सके।

योगी आदित्यनाथ ने कहा —

“वाल्मीकि जयंती केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने वाला सांस्कृतिक उत्सव है।”

चित्रकूट बनेगा मुख्य आयोजन स्थल

इस बार राज्य स्तरीय मुख्य कार्यक्रम चित्रकूट के लालापुर स्थित वाल्मीकि तपोस्थली में होगा।
यहां सुबह 11 बजे दीप प्रज्ज्वलन और माल्यार्पण से कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी।
संस्कृत के छात्र-छात्राएं रामायण पाठ करेंगे, जबकि स्थानीय कलाकार भक्ति संगीत और लव-कुश प्रसंग प्रस्तुत करेंगे।

दिनभर पूजा, हवन और प्रवचन जैसे धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन चलते रहेंगे।
संस्कृति विभाग और स्थानीय प्रशासन ने परिसर में सफाई, सजावट और प्रकाश व्यवस्था की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

हर जिले में भक्ति और संस्कृति का संगम

चित्रकूट के अलावा अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, झांसी और गोरखपुर समेत सभी जिलों में विशेष आयोजन होंगे।

  • अयोध्या: वाल्मीकि आश्रम पर विशेष पूजन और दीपदान
  • बिठूर: दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम
  • प्रयागराज व वाराणसी: विश्वविद्यालय स्तर पर “वाल्मीकि और रामायण का सांस्कृतिक प्रभाव” विषय पर संगोष्ठी

इन कार्यक्रमों का उद्देश्य केवल श्रद्धांजलि देना नहीं, बल्कि युवाओं को भारतीय संस्कृति और वाल्मीकि जी की शिक्षाओं से जोड़ना है।

जनसहभागिता और स्थानीय कलाकारों को बढ़ावा

योगी सरकार ने इस बार के आयोजन को जनसहभागिता-केंद्रित बनाया है।
हर जिले में स्थानीय कलाकारों, भजन मंडलियों और विद्यालयों को मंच दिया जाएगा।

संस्कृति विभाग ने उन कलाकारों का चयन किया है, जिन्हें अब तक बड़ा मंच नहीं मिला था।
लखनऊ के एक अधिकारी ने बताया —

“इस बार गांवों और कस्बों के कलाकार भी मंच पर अपनी कला दिखाएंगे और समाज में सकारात्मक संदेश देंगे।”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा —

“ऐसे आयोजन तभी सफल होते हैं जब जनता उसमें दिल से भाग ले।”

हर जिले में नोडल अधिकारी तैनात

संस्कृति विभाग ने सभी जिलों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं, जो जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के साथ मिलकर तैयारियों की निगरानी करेंगे।
बड़े आयोजनों में मंत्री, सांसद और विधायक मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।

भक्ति और एकता का संदेश

7 अक्टूबर को पूरा उत्तर प्रदेश भक्ति और संस्कृति की भावना में डूब जाएगा।
हर जिले में दीप जलेंगे, भजन गूंजेंगे और समाज एक स्वर में कहेगा —

महर्षि वाल्मीकि की शिक्षाएं हमारे जीवन का मार्ग बनें।

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