1.98 लाख छात्रों को करोड़ों की छात्रवृत्ति ट्रांसफर

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया डिजिटल वितरण, अब साल में चार बार मिलेगा लाभ

विद्यार्थियों के हित में बड़ा कदम

छत्तीसगढ़ सरकार ने शुक्रवार को विद्यार्थियों के हित में ऐतिहासिक कदम उठाया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित विशेष कार्यक्रम के दौरान
राज्य के 1.98 लाख छात्रों के बैंक खातों में 84.66 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति राशि
ऑनलाइन ट्रांसफर की।

यह पहल राज्य के गरीब, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों के लिए की गई है,
ताकि आर्थिक सहायता बिना किसी देरी और भ्रष्टाचार के सीधे उनके खातों में पहुंच सके।

मुख्यमंत्री का संदेश: “छात्र देश का भविष्य हैं”

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय ने कहा —

“छात्र देश का भविष्य हैं। उनकी शिक्षा में कोई बाधा न आए, यही हमारी प्राथमिकता है।
छात्रवृत्ति राशि सीधे बैंक खातों में पहुंचने से पारदर्शिता बढ़ेगी और
समान अवसर की दिशा में यह बड़ा कदम साबित होगा।”

84.66 करोड़ रुपये सीधे छात्रों के खातों में

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दो श्रेणियों के छात्रों को छात्रवृत्ति राशि जारी की —

  • आश्रम और छात्रावासों में अध्ययनरत 1,86,050 छात्रों को ₹79.27 करोड़ रुपये की शिष्यवृत्ति की दूसरी किश्त मिली।
  • पोस्ट-मैट्रिक (10वीं के बाद के पाठ्यक्रम) में पढ़ रहे 12,142 विद्यार्थियों को ₹5.38 करोड़ रुपये उनके खातों में भेजे गए।

पूरा कार्यक्रम डिजिटल माध्यम से संपन्न हुआ,
और हर छात्र को राशि प्राप्ति की सूचना एसएमएस के जरिए दी गई।

अब साल में चार बार मिलेगा छात्रवृत्ति का लाभ

प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि पहले छात्रवृत्ति राशि साल में केवल एक बार —
दिसंबर या फरवरी-मार्च में दी जाती थी,
जिससे छात्रों को कई बार आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।

अब सरकार ने बड़ा बदलाव करते हुए फैसला लिया है कि
छात्रवृत्ति राशि साल में चार बार (जून, सितंबर, अक्टूबर, दिसंबर) दी जाएगी।

“इस नई व्यवस्था से छात्रों को नियमित आर्थिक सहायता मिलेगी,
वे पढ़ाई पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगे और
पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।” — सोनमणि बोरा

पारदर्शिता और जवाबदेही का नया मॉडल

छत्तीसगढ़ सरकार की यह ऑनलाइन ट्रांसफर व्यवस्था
राज्य में पारदर्शी प्रशासन की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।

पहले छात्रवृत्ति वितरण में देरी और अनियमितता की शिकायतें आती थीं,
लेकिन अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के ज़रिए राशि
सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जा रही है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा —

“हमारा लक्ष्य है कि किसी भी छात्र की पढ़ाई आर्थिक कारणों से बाधित न हो।
यह योजना उन लाखों परिवारों के लिए राहत लेकर आई है
जो सीमित संसाधनों में अपने बच्चों को शिक्षित करना चाहते हैं।”

योजना की पृष्ठभूमि और पिछले चरण

इस ऑनलाइन छात्रवृत्ति वितरण योजना की शुरुआत
10 जून 2025 को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के हाथों हुई थी।

  • पहला चरण: प्री-मैट्रिक छात्रों को ₹77 करोड़ और पोस्ट-मैट्रिक छात्रों को ₹8.93 करोड़ भोजन सहायता दी गई।
  • दूसरा चरण (17 जून): 8,370 छात्रों को ₹6.2 करोड़ रुपये की राशि दी गई।
  • तीसरा चरण (अब): कुल ₹84.66 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए — जो योजना के विस्तार और प्रभाव को दर्शाता है।

कार्यक्रम में कई मंत्री और अधिकारी उपस्थित

इस अवसर पर कई वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी मौजूद रहे —

  • आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम
  • वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप
  • स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल
  • वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी
  • राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा
  • स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव
  • अनुसूचित जाति विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब
  • पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल

इसके अलावा, विभाग के आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर ने
योजना के तकनीकी पहलुओं और उसके प्रभाव पर विस्तृत जानकारी दी।

छात्रों में खुशी की लहर

रायपुर से लेकर बस्तर और सरगुजा तक,
छात्रवृत्ति राशि मिलने की खबर से छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई।

कई छात्रों ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा —

“यह योजना हमें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित कर रही है।”

शिक्षा में समानता की नई पहल

छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल केवल वित्तीय सहायता नहीं,
बल्कि शिक्षा में समानता और पारदर्शिता की दिशा में मील का पत्थर है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की यह योजना
उन छात्रों के लिए उम्मीद की नई किरण बन गई है
जिनके सपने अब तक आर्थिक तंगी के साए में धुंधले पड़ जाते थे।

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