सीट बंटवारे पर सहमति, कांग्रेस को मिलीं 60 सीटें

बिहार की सियासत इन दिनों फिर गर्म है। विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान के साथ ही सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।
इस बीच, सबसे बड़ा सवाल — महागठबंधन में सीटों का बंटवारा — अब लगभग तय हो गया है।

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस को बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 60 सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति मिल गई है।

दिल्ली में तेजस्वी यादव की अहम बैठक

राजद नेता तेजस्वी यादव पिछले दो दिनों से दिल्ली में सक्रिय हैं।
सोमवार को उन्होंने कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की, जिसमें सीट शेयरिंग पर लंबी चर्चा हुई।

बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि राजद और कांग्रेस के बीच समझौता पक्का हो गया है
कांग्रेस 60 सीटों पर और राजद बाकी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।

महागठबंधन में बनी सहमति, अब बस ऐलान बाकी

महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर जो खींचतान चल रही थी, वह अब लगभग खत्म हो चुकी है।
कांग्रेस और राजद के बीच कोई मतभेद नहीं बचा है।

हालांकि, वीआईपी पार्टी और अन्य छोटे सहयोगियों के साथ बातचीत अभी जारी है।
माना जा रहा है कि सीटों की औपचारिक घोषणा मंगलवार को की जाएगी।

तेजस्वी यादव की रणनीति साफ है —

“गठबंधन में कोई अंदरूनी कलह न दिखे, ताकि जनता के सामने एक मजबूत और एकजुट विपक्ष की छवि बने।”

एनडीए में भी फॉर्मूला तय — जेडीयू और बीजेपी बराबर सीटों पर

दूसरी ओर, एनडीए गठबंधन में सीट शेयरिंग पहले ही तय हो चुकी है।
सूत्रों के अनुसार —

  • नीतीश कुमार की जेडीयू: 101 सीटें
  • भारतीय जनता पार्टी (BJP): 101 सीटें
  • चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास): 29 सीटें
  • जीतन राम मांझी की हम पार्टी: 6 सीटें
  • उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा: 6 सीटें

एनडीए ने इस तरह पहले ही तालमेल का काम पूरा कर लिया है, और अब सभी दल मैदान में उतरने की तैयारी में हैं।

बिहार चुनाव 2025 की तारीखें घोषित

चुनाव आयोग ने हाल ही में बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की —

  • 🗳️ पहला चरण: 6 नवंबर (121 सीटों पर वोटिंग)
  • 🗳️ दूसरा चरण: 11 नवंबर (122 सीटों पर वोटिंग)
  • 📊 मतगणना: 14 नवंबर

इस घोषणा के साथ ही पूरा बिहार चुनावी रंग में रंग गया है।
हर पार्टी के नेता गांव-गांव और शहर-शहर जाकर जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं।

कांग्रेस के लिए बड़ा मौका

कांग्रेस के लिए यह चुनाव राजनीतिक पुनर्जागरण का अवसर माना जा रहा है।
पिछले कुछ वर्षों से बिहार में कमजोर स्थिति में रही पार्टी अब तेजस्वी यादव के साथ मिलकर वापसी की कोशिश कर रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि —

“अगर कांग्रेस को 60 सीटें मिलती हैं, तो यह उसके लिए सम्मानजनक मौका होगा कि वह राज्य में दोबारा अपनी पकड़ बना सके।”

NDA बनाम महागठबंधन — किसके पक्ष में जाएगी जनता?

अब सबकी निगाहें इस सवाल पर हैं कि जनता किसे मौका देगी

  • नीतीश कुमार स्थिर सरकार और विकास के एजेंडे पर जनता से वोट मांग रहे हैं।
  • वहीं, तेजस्वी यादव बेरोजगारी, शिक्षा, और किसानों के मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह चुनाव बेहद करीबी और रोमांचक मुकाबला होगा।
हर सीट पर स्थानीय समीकरण और उम्मीदवारों का जनाधार परिणाम तय करेगा।

निष्कर्ष

कांग्रेस को 60 सीटों पर सहमति मिलने के साथ ही बिहार की राजनीति में नई हलचल शुरू हो गई है।
महागठबंधन और एनडीए — दोनों ने अपनी-अपनी रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।

अब देखना यह होगा कि सीटों की आधिकारिक घोषणा में कोई नया मोड़ आता है या नहीं।
एक बात तय है — बिहार की सियासी जंग इस बार काफी दिलचस्प और निर्णायक होने वाली है।

मुख्य बिंदु एक नजर में:

  • कांग्रेस को मिलीं 60 सीटें, राजद के साथ समझौता पक्का
  • एनडीए में जेडीयू-BJP बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगी
  • 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान
  • कांग्रेस के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई
  • जनता के मूड पर टिकी पूरी बाजी
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