सागर में संत रविदास मंदिर और संग्रहालय का निर्माण

सागर जिले के बडतूमा में निर्माणाधीन संत रविदास मंदिर और संग्रहालय का काम जोरों पर है। इस भव्य परियोजना की लागत लगभग 101 करोड़ रुपये है और इसका उद्देश्य संत रविदास के जीवन, दर्शन और भक्ति मार्ग को एक सुंदर एवं भव्य परिसर में प्रस्तुत करना है।

नरयावली विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रदीप लारिया ने बताया कि मंदिर का लोकार्पण अगली रविदास जयंती, फरवरी 2026 में करने का लक्ष्य रखा गया है। उम्मीद है कि जनवरी तक निर्माण कार्य पूरी तरह तैयार हो जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 में इस मंदिर और संग्रहालय का भूमिपूजन किया था। वर्तमान में लगभग 70 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, शेष काम मुख्यतः फिनिशिंग और सजावट का है।

12 एकड़ में बन रहा भव्य परिसर

मंदिर और संग्रहालय का निर्माण 12 एकड़ में किया जा रहा है।

  • मंदिर निर्माण: नागर शैली में, जिसमें गर्भगृह, अंतराल मंडप और अर्धमंडप शामिल हैं।
  • जलकुंड और बगीचा: जलकुंड के चारों ओर सुंदर बगीचा और आकर्षक नक्काशी की जा रही है।

संग्रहालय का विवरण:

  • क्षेत्रफल: 14,000 वर्गफीट
  • गैलरी विवरण:
    1. जीवनगाथा – संत रविदास का जीवन
    2. भक्ति मार्ग – निर्गुण पंथ में योगदान
    3. दर्शन – रविदासिया पंथ
    4. साहित्य – कृतित्व और योगदान
  • पुस्तकालय: 10,000 वर्गफीट का पुस्तकालय, जिसमें संत रविदास पर आधारित शिक्षण और अध्यात्मिक पुस्तकें उपलब्ध होंगी।
  • संगत सभाखंड: फूलों की पंखुड़ियों के आकार में बनाया जा रहा, संगोष्ठी, कार्यशाला और धार्मिक कार्यक्रमों के लिए उपयुक्त।

श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाएं

मंदिर परिसर में देश-विदेश से आने वाले भक्तों के लिए विशाल आवासीय सुविधा बनाई जा रही है।

  • क्षेत्रफल: 12,500 वर्गफीट
  • सुविधाएं: 15 वातानुकूलित कमरे, अटैच बाथरूम, 50 लोगों की क्षमता वाला आवास गृह
  • अल्पाहार गृह: 15,000 वर्गफीट, तंबू के आकार में बैठने की पर्याप्त व्यवस्था

संग्रहालय और मंदिर के निर्माण में राजस्थान के धौलपुर के वंशीपहाड़पुर लाल पत्थर का उपयोग किया जा रहा है। परिसर में संत रविदास की मूर्तियां और कलाकृतियां भी स्थापित की जाएंगी, जिससे श्रद्धालु और पर्यटक एक ही स्थान पर उनके जीवन और दर्शन का समग्र अनुभव प्राप्त कर सकें।

निर्माण कार्य की प्रगति और लक्ष्य

मंदिर और संग्रहालय का निर्माण कार्य अगस्त 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन कुछ कारणों से थोड़ी देरी हुई। वर्तमान में मुख्य ढांचा और 70 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।

विधायक प्रदीप लारिया ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर यह सुनिश्चित किया कि फरवरी 2026 में मंदिर का लोकार्पण संभव हो और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे संबोधित करने सागर आएं।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

संत रविदास मंदिर और संग्रहालय का उद्देश्य:

  • संत रविदास की आध्यात्मिक शिक्षा और भक्ति परंपरा को उजागर करना
  • मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना
  • सागर को आने वाले वर्षों में एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन स्थल बनाना

यह भव्य परिसर न केवल श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि पर्यटकों और संस्कृति प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।

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