लैंसडाउन में शहीद सम्मान समारोह

उत्तराखंड के लैंसडाउन में रविवार को आयोजित शहीद सम्मान समारोह वीरता, बलिदान और देशभक्ति की भावना से भरा रहा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर वीर शहीदों को नमन करते हुए कहा कि राज्य के हर घर में एक सैनिक या शहीद की गाथा बसती है, और यही कारण है कि यह देवभूमि वास्तव में “वीरभूमि” कहलाने की अधिकारी है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया और सैनिक कल्याण से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं।

शहीदों की अमर गाथा को नमन

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देश की आज़ादी और सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सपूतों का ऋण कभी नहीं चुकाया जा सकता।
उन्होंने अमर शहीद गब्बर सिंह नेगी मेमोरियल में पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और कहा —

“नेगी जैसे अमर योद्धाओं की वजह से ही आज भारत एक सुरक्षित और गर्वित राष्ट्र के रूप में खड़ा है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सम्मान समारोह राज्य सरकार की उन परिवारों के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है जिन्होंने अपने प्रियजनों को देश के लिए समर्पित किया।
उन्होंने शहीदों के परिजनों को ताम्रपत्र और अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया और कहा कि यह केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि उनके त्याग और समर्पण की मान्यता है।

शहीदों की मिट्टी से बनेगा भव्य सैन्य धाम

समारोह के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने शहीदों के घरों की पावन मिट्टी से भरे ताम्र कलशों के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित किया।
उन्होंने बताया कि यह मिट्टी देहरादून में बन रहे भव्य सैन्य धाम में स्थापित की जाएगी।

“सैन्य धाम केवल ईंट-पत्थरों का ढांचा नहीं, बल्कि उन अमर आत्माओं का प्रतीक है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया।”

मुख्यमंत्री ने बताया कि 25 सितंबर से 4 अक्टूबर तक चली “शहीद सम्मान यात्रा 2.0” वीर परिवारों की भावनाओं और त्याग का प्रतीक है, जो अब इस सैन्य धाम के रूप में साकार हो रही है।

सैनिकों और वीर नारियों के लिए नई सुविधाएं

मुख्यमंत्री ने सैनिकों और उनके परिवारों के लिए कई नई घोषणाएं कीं —

  • कोटद्वार सैनिक विश्राम गृह का जीर्णोद्धार और आधुनिक सुविधाओं से लैस करना।
  • गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर संग्रहालय के पुनर्निर्माण के लिए आर्थिक सहायता।
  • सैनिक कल्याण निदेशालयों में कॉमन सर्विस सेंटर की स्थापना, ताकि वीर नारियों और पूर्व सैनिकों को निःशुल्क सेवाएं मिल सकें।

इसके साथ उन्होंने कई विकास योजनाओं की घोषणा भी की —

  • जयहरीखाल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उच्चीकृत किया जाएगा।
  • जयहरीखाल–गुमखाल मार्ग का नाम शहीद खुशाल सिंह नेगी के नाम पर रखा जाएगा।
  • बरुआ–चिणबो मार्ग का नाम शहीद केशवानंद ध्यानी के नाम पर रखा जाएगा।
  • कई विद्यालयों का नाम भी शहीदों के नाम पर रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये नामकरण देशभक्ति की भावना को जीवित रखने का प्रतीक हैं।

शहीद परिवारों के लिए बढ़ी आर्थिक सहायता

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि राज्य सरकार शहीदों और सैनिकों के हित में लगातार काम कर रही है।

  • अनुग्रह राशि ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख कर दी गई है।
  • परमवीर चक्र विजेताओं को अब ₹1.5 करोड़ की राशि दी जाएगी।
  • शहीदों के अंतिम संस्कार हेतु ₹10,000 की सहायता राशि दी जाएगी।
  • सैनिकों को भूमि क्रय पर 25% स्टांप ड्यूटी छूट का लाभ मिलेगा।

अब तक 28 शहीद परिवारों के आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है, जबकि 13 अन्य मामलों की प्रक्रिया जारी है।
साथ ही, आवेदन की समय सीमा 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दी गई है ताकि अधिक परिवार इस योजना का लाभ ले सकें।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम

मुख्यमंत्री धामी ने केंद्र सरकार की वन रैंक वन पेंशन योजना और सैनिकों को दिए जा रहे आधुनिक उपकरण, जैकेट और जूते जैसी सुविधाओं की सराहना की।
उन्होंने कहा कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और रक्षा निर्यात में अग्रणी देशों में शामिल हो गया है।

कार्यक्रम के अंत में उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की —

“हर व्यक्ति एक पेड़ शहीदों के नाम लगाए, ताकि देशभक्ति और पर्यावरण संरक्षण दोनों की भावना साथ-साथ बढ़े।”

शहीद सम्मान यात्रा 2.0 का हुआ सफल समापन

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि शहीद सम्मान यात्रा 2.0 का समापन लैंसडाउन में हुआ।
यह यात्रा 25 सितंबर को देहरादून से शुरू हुई थी और राज्य के विभिन्न जिलों में जाकर शहीद परिवारों को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में सैन्य अधिकारियों, शहीदों के परिजनों, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय नागरिकों की भावनात्मक उपस्थिति रही।
पूरा माहौल देशभक्ति के रंग में रंगा हुआ था, जहां हर किसी की जुबां पर एक ही नारा था —

“जय हिंद, जय उत्तराखंड!”

Spread the News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *