महिला आरक्षण में आरक्षण की मांग पर अड़ा विपक्ष

लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने वाला नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा से पास हो गया है और अब राज्यसभा में पेश किया गया है. मौजूदा परिस्थित में बिल उच्च सदन से भी पारित होने की पूरी संभावना है. मोदी सरकार के द्वारा आधी आबादी को एक तिहाई हिस्सेदारी देने के कदम को बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा है,

‘OBC वोटरों’  को लेकर मचा सियासी घमासान

विधेयक में ओबीसी महिलाओं को अलग से आरक्षण न दिए जाने को लेकर विपक्ष ने मोर्चा खोल रखा है.कांग्रेस से लेकर तमाम विपक्षी दल मोदी सरकार को ओबीसी विरोधी कठघरे में खड़े करने की कोशिशों में जुटी है, 2011 में कराए जाति सर्वे के आंकड़ों को जारी करने मांग उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जातिगत जनगणना के आंकड़ों को जारी करना चाहिए, नहीं तो हम उसे जारी कर डालेंगे. केंद्रीय सचिवों की एक लिस्ट दिखाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि 90 केंद्रीय सचिव में से तीन ओबीसी हैं. राहुल ने कहा कि यही पांच फीसदी लोग बजट को कंट्रोल करते हैं. ये ओबीसी समुदाय का अपमान है. राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर ओबीसी विरोधी आरोप लगाते हुए जातिगत जनगणना की मांग रखी. इस तरह महिला आरक्षण के बहाने राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक ने जिस तरह ओबीसी के आरक्षण का मुद्दा उठाया है

बीजेपी का क्या है काउंटर प्लान?

वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी के आरोपों का आज बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जवाब दिया है. जेपी नड्डा ने कहा कि ओबीसी को लेकर नेहरू के कार्यकाल में काका कालेलकर की रिपोर्ट आई. उसके बाद इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय में मंडल कमीशन की रिपोर्ट आई, लेकिन ये पड़ी हुईं थीं. उसके बाद 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप सर्विसेज में ओबीसी को रिजर्वेशन दो. जिसके बाद 1995-1996 में ऑल इंडिया सर्विसेज में ओबीसी-एससी-एसटी रिजर्वेशन मिलना शुरू हुआ. बीजेपी अध्यक्ष ने बताया कि अभी जो भी कैबिनेट सेक्रेटरी हैं, वो 1992 से पहले के लोग हैं. उसके बाद नड्डा से राहुल गांधी से पूछा कि 2004 से 2014 तक कितने सेक्रेटरी ओबीसी थे और कहां थे वो ओबीसी के सेक्रेटरी.  इसके अलावा जेपी नड्डा ने कहा कि आजाद भारत में 12 महिलाएं मुख्यमंत्री बन चुकी हैं. कई देशों में महिलाओं ने वोटिंग राइट्स के लिए लंबा संघर्ष किया. हमारे यहां पहले आम चुनाव में ये महिलाओं को ये अधिकार मिला. उन्होंने सरोजनी नायडू की ब्रिटिश पीएम को चिट्ठी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हमारा नजरिया अबला, बेचारी का कभी नहीं रहा. हमने आगे बढ़ाने का काम किया. हमारे देश को कई दूसरे देशों के मुकाबले पहले महिला प्रधानमंत्री मिल गई थीं. तो साफ तौर पर देखा जा सकता है की एक तरफ जहां महिला आरक्षण में OBC आरक्षण की मांग कर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में सवाल ये उठता है की क्या मोदी सरकार ने विपक्ष के इस मंसूबे पर पानी फेरने के लिए किसी मास्टर प्लान को तैयार कर रखा है? क्या विपक्ष  सिर्फ OBC आरक्षण की मांग सिर्फ और सिर्फ OBC वोटरों को लुभाने के लिए कर रहा है जिसका सीधा फायदा उसे 2024 में होगा?

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