मनसा देवी मंदिर में भगदड़: 6 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल

उत्तराखंड के पवित्र धार्मिक शहर हरिद्वार में स्थित मांसा देवी मंदिर में शनिवार सुबह लगभग 9:30 बजे एक दर्दनाक हादसा हुआ।
सावन के शुभ महीने में दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु मंदिर पहुंचे थे, लेकिन भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि प्रशासन की व्यवस्थाएं पूरी तरह नाकाफी साबित हुईं

कैसे मची भगदड़?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार:

  • एक श्रद्धालु मंदिर परिसर में रस्सी (रोपवे) पकड़ते हुए गिर पड़ा।
  • तभी किसी ने अफवाह फैला दी कि उस व्यक्ति को करंट लग गया है।
  • यह सुनते ही अफरा-तफरी मच गई और लोग घबराकर इधर-उधर भागने लगे।

इस अव्यवस्थित भगदड़ में:

  • 6 श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई
  • कई अन्य घायल हो गए, जिनमें कुछ की हालत गंभीर है।

UPCL की सफाई

उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा:

  • मंदिर परिसर में केवल आइसोलेटेड वोल्टेज लाइन थी
  • किसी भी श्रद्धालु को करंट लगने की संभावना नहीं थी
  • करंट लगने की खबर सिर्फ एक अफवाह थी, जिसने भीड़ को उग्र कर दिया

प्रशासन पर उठे सवाल

स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने प्रशासन की लापरवाही पर नाराज़गी जताई है:

  • इतनी भारी भीड़ के बावजूद कोई ठोस सुरक्षा प्रबंध नहीं थे
  • प्राथमिक चिकित्सा, पेयजल व्यवस्था और आपातकालीन सेवाएं नदारद थीं
  • भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त स्टाफ भी मौजूद नहीं था

सरकार की सहायता और जांच

राज्य सरकार ने मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा की:

  • मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख
  • घायलों को ₹50,000 से ₹2 लाख की सहायता राशि

साथ ही, सरकार ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के लिए विशेष बैठक बुलाई है।
इसमें यह पता लगाया जाएगा कि सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन क्यों फेल हुआ, और जिम्मेदार कौन है

आस्था बनाम अव्यवस्था

यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था कितनी अहम है
सावन जैसे महीनों में, जब लाखों श्रद्धालु आते हैं, वहां:

  • प्री-प्लानिंग,
  • आपातकालीन रिस्पॉन्स सिस्टम,
  • और सूचना तंत्र पहले से एक्टिव होना चाहिए।

वरना, श्रद्धा के स्थानों पर ऐसी घटनाएं श्रद्धा को शर्मसार कर देती हैं

(This article is written by Pragya Rai, Intern at News World India.)

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