मध्य प्रदेश बना स्वच्छता और विकास का नया प्रतीक

देश के सबसे स्वच्छ शहरों में शुमार मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल एक बार फिर स्वच्छता और विकास के नए अध्याय की ओर बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को आयोजित पांचवें राज्य स्तरीय स्वच्छता सम्मान समारोह में कहा —

“भारत बदल रहा है, और मध्य प्रदेश उस बदलाव का हिस्सा नहीं बल्कि प्रेरक शक्ति है।”

उन्होंने बताया कि आज राज्य के कई नगर निगम मेट्रोपॉलिटन शहरों की श्रेणी में शामिल हो रहे हैं, जो विकास की दिशा में एक बड़ा संकेत है।

“स्वच्छता अब अभियान नहीं, जनसंस्कार है” — सीएम मोहन यादव

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता अब केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि यह जनसंस्कार और जीवनशैली बन चुकी है।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश के सभी नगरीय निकाय कचरा प्रबंधन और नवाचार तकनीक को अपनाकर काम करें।

“हमारा लक्ष्य सिर्फ सफाई नहीं, बल्कि नागरिक जीवन को अधिक स्वस्थ, सुंदर और टिकाऊ बनाना है,” उन्होंने जोड़ा।

‘स्वच्छता समग्र’ कार्यशाला — विशेषज्ञों की गहन चर्चा

कार्यक्रम के साथ आयोजित ‘स्वच्छता समग्र कार्यशाला’ में
राज्य की वायु गुणवत्ता, लीगेसी वेस्ट और शहरी स्वच्छता से जुड़ी चुनौतियों पर विशेषज्ञों ने विचार साझा किए।

राज्य शहरी प्रशासन आयुक्त संकेत भोंडवे ने
स्वच्छता की वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर जानकारी दी।

इस सत्र में उज्जैन, जबलपुर, भोपाल और देवास के
महापौरों और वरिष्ठ अधिकारियों ने
नर्मदा घाटी, धार्मिक स्थलों की सफाई और टूरिज्म डेवलपमेंट से जुड़े अनुभव साझा किए।

₹5,364 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण

सीएम मोहन यादव ने इस अवसर पर अमृत योजना के तहत
₹5,364 करोड़ की जल प्रदाय, सीवरेज, हरित क्षेत्र और अधोसंरचना विकास परियोजनाओं का
शिलान्यास और लोकार्पण किया।

उन्होंने कहा —

“इन परियोजनाओं से न सिर्फ स्वच्छ जल की उपलब्धता बढ़ेगी,
बल्कि राज्य का पर्यावरणीय संतुलन भी मजबूत होगा।”

कार्यक्रम में भोपाल, इंदौर, उज्जैन, देवास, जबलपुर समेत
कई नगर निकायों को ‘स्वच्छता सम्मान’ से सम्मानित किया गया।

अपशिष्ट प्रबंधन पर प्रमुख सुझाव

कार्यशाला में इंदौर, छिंदवाड़ा और ग्वालियर के महापौरों ने
वेस्ट मैनेजमेंट और लीगेसी वेस्ट समाधान पर सुझाव दिए।

समानांतर सत्र में भोपाल और सागर के आयुक्तों ने
शहरी सौंदर्यीकरण और छोटे शहरों के विकास पर विचार रखे।

सीएम ने कहा —

“हमारा प्रयास है कि कोई भी शहर पीछे न रह जाए।
छोटे नगरों को भी वही सुविधाएं मिलें जो बड़े शहरों को प्राप्त हैं।”

सफाई मित्रों को सलाम — स्वच्छता के असली योद्धा

कार्यक्रम के समापन पर मुख्यमंत्री ने सफाई मित्रों से संवाद किया और उन्हें
स्वच्छता के असली योद्धा” बताया।

उन्होंने कहा —

“हमारे सफाई कर्मियों की मेहनत ही शहरों की असली पहचान है।
उनके कल्याण और सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।”

इस दौरान उनकी सुरक्षा, कौशल विकास और कल्याण योजनाओं पर चर्चा हुई।
कार्यक्रम में स्वच्छता पखवाड़े पर आधारित एक विशेष शॉर्ट फिल्म भी प्रदर्शित की गई।

स्वच्छता से विकास तक — मध्य प्रदेश की नई दिशा

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस अवसर पर स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 का
डिजिटल पोस्टर लॉन्च किया और कहा —

“यह पोस्टर नहीं, बल्कि हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है —
हर गली, हर मोहल्ला स्वच्छ भारत मिशन का हिस्सा बने।”

उन्होंने कहा कि विकास तभी संभव है जब हम
पर्यावरण, शहरों और नदियों के प्रति जिम्मेदारी निभाएं।

“स्वच्छता ही सभ्यता है,
और हमारा लक्ष्य है कि मध्य प्रदेश देश का सबसे स्वच्छ और सस्टेनेबल राज्य बने।”

निष्कर्ष: ‘Cleanliness to Development’ की ओर बढ़ता मध्य प्रदेश

इस पूरे आयोजन से यह स्पष्ट हुआ कि मध्य प्रदेश अब
“Cleanliness to Development” की दिशा में
एक नई, तेज़ और तकनीकी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है।

राज्य सरकार की यह पहल न केवल शहरों को स्वच्छ बना रही है,
बल्कि हर नागरिक को विकास की यात्रा का सक्रिय सहभागी भी बना रही है।

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