भारत-मंगोलिया संबंधों में नई ऊंचाई

मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
दोनों नेताओं ने शिक्षा, ऊर्जा, रक्षा, संस्कृति और सुरक्षा जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।

इस मुलाकात के दौरान भारत और मंगोलिया के बीच छह महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।

छह प्रमुख समझौते — सहयोग के नए आयाम

भारत और मंगोलिया के बीच हुए इन समझौतों में निम्नलिखित क्षेत्र शामिल हैं:

  • मानवीय सहायता
  • मंगोलिया में ऐतिहासिक स्थलों का जीर्णोद्धार
  • आव्रजन और नागरिक सेवाएँ
  • खनिज अन्वेषण और ऊर्जा विकास
  • डिजिटल प्रौद्योगिकी में सहयोग
  • स्थानीय प्रशासनिक साझेदारी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये समझौते दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करेंगे।

भारत की सहायता से बन रही मंगोलिया की पहली तेल रिफाइनरी

भारत की सहायता से मंगोलिया में एक तेल रिफाइनरी का निर्माण किया जा रहा है,
जिसका संचालन वर्ष 2028 में शुरू होने की उम्मीद है।

  • रिफाइनरी की कुल लागत: 1.7 अरब डॉलर (करीब ₹17,000 करोड़)
  • वित्तीय सहायता: भारत का लाइन ऑफ क्रेडिट (Loan Assistance)
  • उत्पादन क्षमता: 15 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल प्रति वर्ष
    यानी लगभग 30,000 बैरल प्रतिदिन

मंगोलिया ने भारत की तेल और गैस खोज करने वाली कंपनियों के साथ
साझेदारी और निवेश में रुचि दिखाई है।

मंगोलियाई नागरिकों को अब मिलेगा निःशुल्क ई-वीजा

प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि अब मंगोलियाई नागरिकों को भारत यात्रा के लिए निःशुल्क ई-वीजा मिलेगा।

इसके साथ ही, लद्दाख और मंगोलिया के अरखांगई प्रांत के बीच
स्थानीय सहयोग को बढ़ाने के लिए एक नया समझौता भी किया गया।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत, मंगोलियाई युवाओं को
“सांस्कृतिक राजदूत” बनने का अवसर देगा ताकि दोनों देशों के बीच
लोक-से-लोक संबंध (People-to-People ties) और मजबूत हों।

शिक्षा, संस्कृति और सुरक्षा में नई साझेदारी

भारत और मंगोलिया के बीच अब शैक्षणिक और धार्मिक संस्थानों के बीच
नए सहयोग कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

  • नालंदा विश्वविद्यालय (भारत) और गंडन मठ (मंगोलिया) के बीच
    एक विशेष साझेदारी स्थापित की गई है।
  • भारत, मंगोलिया के सीमा सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण देगा।
  • दोनों देशों के युवाओं के लिए अकादमिक एक्सचेंज और स्कॉलरशिप प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे।

“हम आत्मिक भाई-बहन हैं” — प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और मंगोलिया के रिश्ते
सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और आत्मीय हैं।

“हमारे संबंधों की गहराई हमारे लोगों के आपसी जुड़ाव में है।
बौद्ध धर्म ने हमें सदियों से जोड़ा है — हम आत्मिक भाई-बहन हैं।” — पीएम नरेंद्र मोदी

उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगले वर्ष
भगवान बुद्ध के दो महान शिष्यों — सारिपुत्र और मौद्गल्यायन के पवित्र अवशेष
भारत से मंगोलिया भेजे जाएंगे।
यह कदम दोनों देशों के धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को और गहराई देगा।

70 साल की राजनयिक साझेदारी और 10 साल की रणनीतिक यात्रा

इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने दो महत्वपूर्ण पड़ावों का जश्न मनाया:

  • राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष
  • रणनीतिक साझेदारी के 10 वर्ष

दोनों नेताओं ने इस अवसर पर संयुक्त रूप से एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।

निष्कर्ष

भारत और मंगोलिया के बीच यह मुलाकात सिर्फ एक राजनयिक कार्यक्रम नहीं,
बल्कि दो आध्यात्मिक रूप से जुड़े देशों की साझा प्रगति की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।

दोनों देशों ने शिक्षा, ऊर्जा, रक्षा और डिजिटल नवाचार के माध्यम से
एक नए “स्मार्ट और सशक्त एशिया” की नींव रखी है।

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