बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवात ‘मोंथा’ खतरनाक

दक्षिण भारत के तटीय इलाकों में मौसम का मिजाज एक बार फिर बदलने वाला है।
बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ ने अब गंभीर रूप ले लिया है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, यह तूफान सोमवार से उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में तेजी से बढ़ रहा है और आज रात या मंगलवार सुबह तक आंध्र प्रदेश के तट से टकरा सकता है।
तूफान की रफ्तार और दिशा
- वर्तमान में तूफान की गति 90-100 किमी प्रति घंटा है।
- टकराने के समय यह बढ़कर 110 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
- इसका सबसे ज्यादा असर इन इलाकों में होगा:
- काकीनाडा
- मछलीपट्टनम
- कलिंगपट्टनम और आसपास के तटीय क्षेत्र
साथ ही तमिलनाडु, पुडुचेरी और ओडिशा के तटीय इलाकों में भी तेज हवाएं और भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
IMD अधिकारी जीएनआरएस श्रीनिवास राव ने बताया कि:
“हमने तीन जिलों — पेड्डापल्ली, जयशंकर भूपलपल्ली और मुलुगु में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि बाकी पूर्वोत्तर जिलों को येलो अलर्ट पर रखा गया है।”
मछुआरों और तटीय इलाकों के लिए चेतावनी
- मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है।
- कई नावें पहले से ही समुद्र में फंसी हुई हैं।
- आर्यपल्ली मरीन पुलिस स्टेशन की प्रभारी निरीक्षक विद्याभारती नायक ने बताया: “कई नावें वापस नहीं लौट पा रही हैं, लेकिन उन्हें सुरक्षित बंदरगाहों में रुकने के निर्देश दिए गए हैं।”
- गोपालपुर पोर्ट पर अब तक लगभग 30 नावों को शरण दी गई है।
- जब तक तूफान का खतरा पूरी तरह खत्म नहीं होता, नावों को समुद्र में लौटने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सरकार की तैयारी और सतर्कता
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने आपदा प्रबंधन अधिकारियों को पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने जिला प्रशासन से कहा है कि:
- तटीय क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।
- राहत केंद्रों में स्वच्छ पानी, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
- पेयजल के प्रदूषण को रोकने और राहत केंद्रों की निगरानी के लिए विशेष टीमों की नियुक्ति की जाए।
राहत और बचाव अभियान
- सभी तटीय जिलों में NDRF और SDRF की टीमें अलर्ट मोड पर हैं।
- हजारों परिवारों को पहले ही सुरक्षित आश्रयों में पहुंचाया जा चुका है।
- जिला प्रशासन को आदेश दिए गए हैं कि:
- तालाबों, सिंचाई चैनलों और ड्रेनेज सिस्टम पर लगातार निगरानी रखें।
- बारिश के पानी से बाढ़ जैसी स्थिति न बनने पाए।
संभावित नुकसान और चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात मोंथा के कारण:
- बिजली के खंभे, पेड़ और कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
- परिवहन सेवाएं बाधित होने की आशंका है।
- समुद्र में 4 से 6 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं, जिससे जलभराव की स्थिति बनेगी।
IMD ने लोगों से अपील की है कि वे:
- गैर-जरूरी यात्रा से बचें।
- प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
स्थिति पर नजर
जैसे-जैसे चक्रवात मोंथा आंध्र प्रदेश के तट के करीब पहुंच रहा है,
राज्य प्रशासन की निगाहें हर पल मौसम विभाग के अपडेट्स पर टिकी हैं।
एहतियाती उपायों के बावजूद लोगों के मन में डर साफ दिख रहा है।
IMD ने चेताया है कि यह तूफान अगले 24 घंटों में और भी गंभीर रूप ले सकता है।

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