पेट लव या पब्लिक परेशानी?

“अगर इतनी चिंता है, तो अपने घर में खिलाइए कुत्तों को खाना!”

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

मंगलवार को नोएडा निवासी एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने शिकायत की कि आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के कारण उन्हें परेशान किया जा रहा है।

कोर्ट का जवाब:

सुप्रीम कोर्ट की दो-न्यायाधीशों की पीठ — जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता — ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पूछा:

“आप इन कुत्तों को अपने घर में क्यों नहीं खिलाते?”

कोर्ट ने आगे कहा:

“क्या हमें हर गली और सड़क को इन ‘बड़े दिल वालों’ के लिए खुला छोड़ देना चाहिए? जानवरों के लिए सारी जगह है और इंसानों के लिए कोई जगह नहीं?”

आवारा कुत्तों की समस्या: एक राष्ट्रीय मुद्दा

देश के कई इलाकों में आवारा कुत्ते सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन चुके हैं।
बच्चों और बुज़ुर्गों पर हमले आम होते जा रहे हैं, जिससे नागरिकों में डर और नाराज़गी दोनों बढ़ रहे हैं।

पशु अधिकार बनाम सार्वजनिक सुरक्षा

यह मामला केवल एक व्यक्ति की शिकायत नहीं है — यह सवाल उठाता है कि पशु अधिकार और आम जनता की सुरक्षा के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए।

कोर्ट ने सुझाया समाधान:

  • अगर किसी को कुत्तों की चिंता है, तो वह उन्हें अपने घर के अंदर खाना खिला सकता है।
  • शेल्टर होम खोलने की भी अनुमति है — जहाँ वे कुत्तों की देखभाल कर सकते हैं।
  • लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर ऐसा करना आम जनता के लिए खतरे और असुविधा का कारण बन सकता है।

क्या कहता है कानून?

याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि वे एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स, 2023 के नियम 20 का पालन कर रहे हैं।
इस नियम के अनुसार:

  • स्थानीय रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) और अपार्टमेंट मालिक समितियां अपने क्षेत्र में फीडिंग ज़ोन निर्धारित कर सकती हैं।
  • इन ज़ोन का मकसद है — जानवरों और इंसानों के बीच टकराव कम करना।

निष्कर्ष:

सुप्रीम कोर्ट का रुख साफ है —

“संवेदनशीलता ज़रूरी है, लेकिन ज़िम्मेदारी के साथ।”

कुत्तों को खाना खिलाना गलत नहीं है, लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर लापरवाही से ऐसा करना समाज के लिए ख़तरनाक हो सकता है। अब ज़रूरत है एक संतुलित और व्यावहारिक समाधान की।

(This article is written by Shreya Bharti, Intern at News World India. )

Source – https://www.indiatv.in/india/national/supreme-court-questions-public-dog-feeding-in-noida-why-not-feed-them-at-home-2025-07-16-1149547

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