नाग पंचमी – हिन्दू धर्म का एक पावन पर्व

नाग पंचमी हिन्दू धर्म का एक खास त्योहार है, जो श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व नाग देवताओं को समर्पित होता है

पर्व का महत्व

  • हिन्दू मान्यता के अनुसार, नागों की पूजा देवी-देवताओं की तरह की जाती है।
  • इस दिन लोग नाग देवता से सुरक्षा, सुख और समृद्धि की कामना करते हैं।
  • घरों और मंदिरों में विशेष पूजा और अर्चना की जाती है।
  • लोग दूध, फूल, कुशा और धूप से नागों की पूजा करते हैं।
  • कुछ जगहों पर साँपों को दूध पिलाने की परंपरा भी है (हालाँकि अब यह पर्यावरण की दृष्टि से उचित नहीं मानी जाती)।
  • यह त्योहार प्रकृति और जीवों के प्रति श्रद्धा और संरक्षण की भावना को दर्शाता है।

नाग पंचमी से जुड़ी पौराणिक कथा

  • राजा जनमेजय के पिता की मृत्यु तक्षक नामक नाग के काटने से हुई थी।
  • जनमेजय ने सभी नागों को नष्ट करने के लिए एक यज्ञ (सर्पसत्र) करवाया।
  • मंत्रों की शक्ति से सभी नाग यज्ञ की अग्नि में खिंचते चले आ रहे थे।
  • तभी आस्तिक मुनि ने हस्तक्षेप किया और राजा को यज्ञ रोकने के लिए मना लिया।
  • यज्ञ रुक गया और नागों का जीवन बच गया।
  • उसी दिन को याद कर के नाग पंचमी मनाई जाती है, जो नागों के सम्मान और रक्षा का प्रतीक बन चुका है।

पूजा विधि (Step-by-Step)

स्नान और संकल्प

  • सूरज निकलने से पहले स्नान करें।
  • साफ-सुथरे पारंपरिक वस्त्र पहनें।
  • पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा का संकल्प लें।

नाग देवता की स्थापना

  • दीवार पर नाग का चित्र बनाएं या मिट्टी/धातु की प्रतिमा रखें।
  • कुछ लोग खेतों या साँप के बिलों के पास भी पूजा करते हैं।

पूजन सामग्री

  • दूध, दूर्वा घास, अक्षत (चावल), कुशा, फूल, हल्दी, रोली, दीपक, धूप और मिठाई।

दूध और पुष्प अर्पण

  • नाग देवता को दूध, जल और फूल चढ़ाएं।

मंत्र और आरती

  • नाग देवता की आरती करें और यह मंत्र पढ़ें:
    “नमः नागाय शेषाय वासुकये नमो नमः।”
    यह मंत्र सर्प भय से रक्षा करता है।

भोग और कथा

  • पूजा के बाद मीठा भोग अर्पित करें
  • नाग पंचमी की व्रत कथा सुनें या सुनाएं।

भोजन और नियम

  • कुछ लोग इस दिन व्रत रखते हैं
  • घरों में विशेष पकवान बनाए जाते हैं।

इस दिन ज़मीन की खुदाई या लोहे के औज़ारों का प्रयोग नहीं करना चाहिए — ताकि साँपों को कोई नुकसान न हो।

नाग पंचमी का संदेश

यह पर्व हमें प्रकृति और जीवों के प्रति प्रेम, सम्मान और कृतज्ञता सिखाता है।

यह याद दिलाता है कि हर प्राणी प्रकृति की व्यवस्था में जरूरी है।

पूजा और व्रत से हम मन, शरीर और आत्मा की शुद्धि करते हैं।

हम ईश्वर से सुख, शांति और सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं।

(This article is written by Shreya Bharti, Intern at News World India.)

Source – https://www.livemint.com/hindi/trends/why-nag-panchami-is-celebrated-know-religious-significance-pooja-vidhi-241753701144524.html

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