नकली और घटिया दवाओं पर सख्त कार्रवाई के

उत्तर प्रदेश में नकली और घटिया दवाओं की बिक्री लगातार बढ़ रही है, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। इसे रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने अब सख्त कदम उठाया है

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को आदेश दिया कि हर जिले में जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी का नया पद बनाया जाएगा। यह अधिकारी जिले में दवाओं की जांच और निगरानी करेगा और नकली दवाओं पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।

क्यों जरूरी था यह कदम

अभी तक दवाओं की जांच औषधि निरीक्षक करते हैं। लेकिन कई जिलों में या तो निरीक्षक नहीं हैं, या एक निरीक्षक कई जिलों की जिम्मेदारी संभालता है।

  • इससे नकली और घटिया दवाओं पर नजर रखना मुश्किल हो जाता था।
  • नए पदों के आने से हर जिले में समर्पित अधिकारी होंगे और निगरानी मजबूत होगी।

नए पदों और विभागीय बदलाव

  • खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग में औषधि निरीक्षक के पदों की संख्या दोगुनी कर दी जाएगी।
  • हर जिले में पर्याप्त संख्या में निरीक्षक मौजूद होंगे।
  • जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी न केवल दवाओं की जांच करेंगे, बल्कि औषधि निरीक्षकों की निगरानी भी करेंगे।
  • निरीक्षक अब जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी के अंतर्गत काम करेंगे, जबकि पहले वे सीधे जिलाधिकारी से जुड़े थे।
  • इसके साथ उपायुक्त और संयुक्त आयुक्त (औषधि) के पदों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश

मुख्यमंत्री ने कहा:

“नकली दवाओं की बिक्री रोकने के लिए केवल निरीक्षण पर्याप्त नहीं है। प्रत्येक जिले में समर्पित अधिकारी और मजबूत प्रशासनिक व्यवस्था जरूरी है। जांच प्रक्रिया तेज और प्रभावी होनी चाहिए, ताकि लोग सुरक्षित दवाएं इस्तेमाल कर सकें।”

विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों के अनुसार:

  • नकली और घटिया दवाएं मरीजों के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं।
  • इनमें दवा की गुणवत्ता सही नहीं होती और असर कम या हानिकारक हो सकता है।
  • नई योजना लागू होने के बाद हर जिले में निगरानी मजबूत होगी और लोग सुरक्षित दवाओं का लाभ उठा सकेंगे।

जनता के लिए फायदा

  • नकली दवाओं की बिक्री पर कड़ी रोक लगेगी।
  • लोगों को सही और सुरक्षित दवाएं उपलब्ध होंगी।
  • दवाओं के व्यापार में लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि कोई भी व्यक्ति या कंपनी नकली या घटिया दवाएं बेचने की हिमाकत नहीं कर सकेगी।

यह कदम उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य और सुरक्षा दोनों को मजबूत करने के लिए अहम माना जा रहा है। जनता अब भरोसा कर सकती है कि उनके जिले में दवाओं की जांच नियमित और प्रभावी होगी।

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