दिल्ली एसिड अटैक केस: 24 घंटे में आरोपी जितेंद्र बरी

दिल्ली में हुए चर्चित एसिड अटैक मामले में बड़ा मोड़ आया है। इस मामले के मुख्य आरोपी जितेंद्र को अदालत ने 24 घंटे के अंदर ही बरी कर दिया है। जांच में सामने आया कि जिस समय घटना हुई थी, उस वक्त जितेंद्र दिल्ली के करोल बाग इलाके में मौजूद था, जो सीसीटीवी फुटेज से साबित हुआ।

क्या था मामला?

दिल्ली विश्वविद्यालय की 20 वर्षीय छात्रा ने आरोप लगाया था कि

“24 अक्टूबर को जब मैं मुकुंदपुर इलाके से गुजर रही थी, तभी जितेंद्र, ईशान और अरमान ने मुझ पर तेजाब फेंका। मैंने चेहरा बचाने की कोशिश की, जिससे मेरे दोनों हाथ जल गए।”

छात्रा के अनुसार, जितेंद्र बाइक चला रहा था और पीछे बैठे अरमान ने उस पर एसिड फेंका

हालांकि, जांच आगे बढ़ने पर लड़की के कई बयान झूठे पाए गए। पुलिस को मिले साक्ष्य उसके बयानों से मेल नहीं खा रहे थे।

जांच में सामने आई बड़ी सच्चाई

पुलिस की जांच में पता चला कि पीड़िता के पिता अकील खान ने ही यह पूरी साजिश रची थी
अकील ने स्वीकार किया कि उसने जितेंद्र को फंसाने के लिए यह झूठा एसिड अटैक केस बनाया

उसका ईशान और अरमान से पुराना झगड़ा चल रहा था, इसलिए उसने उन्हें भी फंसाया।

फिलहाल अकील खान को गिरफ्तार कर लिया गया है और वह पुलिस हिरासत में है, जहां उससे लगातार पूछताछ चल रही है।

जितेंद्र की पत्नी ने दर्ज कराई थी FIR

इस घटना से एक दिन पहले, रविवार को, जितेंद्र की पत्नी ने अकील खान पर रेप और ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराई थी।

उसने कहा —

“मैं 2021 से 2024 के बीच अकील खान की फैक्ट्री में काम करती थी। इसी दौरान उसने मेरे साथ जबरदस्ती की और बाद में आपत्तिजनक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने लगा।”

यह मामला अब पुलिस की जांच के अधीन है।

ईशान और अरमान की मां का बड़ा खुलासा

पुलिस के अनुसार, घटना के समय ईशान और अरमान अपनी मां शबनम के साथ आगरा में थे

शबनम ने बताया कि —

“2018 में मुझ पर भी तेजाब से हमला हुआ था, और इस हमले के पीछे अकील खान के रिश्तेदार शामिल थे।”

इसके अलावा, शबनम और अकील खान के बीच मंगोलपुरी की एक संपत्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है, जो इस वक्त कोर्ट में विचाराधीन है।

CCTV फुटेज ने खोला सच

पुलिस को मिले सीसीटीवी फुटेज ने मामले का रुख पूरी तरह बदल दिया।

वीडियो में दिखा कि पीड़िता का भाई उसे स्कूटर से घर छोड़कर आया था, लेकिन उसने कॉलेज के गेट तक नहीं छोड़ा।
इसके बाद छात्रा ई-रिक्शा में जाती हुई दिखाई दी।

अब पुलिस यह जांच कर रही है कि —

  • भाई ने उसे कॉलेज तक क्यों नहीं छोड़ा?
  • क्या उसे पहले से किसी बात की जानकारी थी?

निष्कर्ष — सच सामने आया, निर्दोष को मिली राहत

सभी तथ्यों और फुटेज की जांच के बाद, अदालत ने पाया कि जितेंद्र निर्दोष है
उसकी लोकेशन करोल बाग में पाई गई और घटनास्थल से उसका कोई संबंध नहीं निकला।

अब पुलिस का ध्यान अकील खान और उसकी साजिश की गहराई से जांच पर है।
यह मामला एक बार फिर यह सवाल उठाता है कि झूठे आरोप न केवल किसी की जिंदगी बर्बाद कर सकते हैं, बल्कि सच्चे अपराधों की गंभीरता को भी कमजोर करते हैं।

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