एएनएम-स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों को जिला बदलने की अनुमति

उत्तराखंड सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के एएनएम और स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा कर दिया है।
अब पांच साल की सेवा पूरी करने के बाद, ये कर्मचारी अपने पूरे सेवाकाल में एक बार जिला परिवर्तन (Transfer) का लाभ उठा सकेंगे।

यह फैसला सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट बैठक में पारित हुआ।

कर्मचारियों की बड़ी राहत

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि यह निर्णय विभाग के कर्मचारियों की व्यावहारिक समस्याओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
उन्होंने कहा,

“अब राज्य के सभी एएनएम और स्वास्थ्य पर्यवेक्षक अपनी सेवा अवधि में एक बार जिला परिवर्तन कर सकेंगे। इससे सैकड़ों कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा।”

वर्षों पुरानी मांग आखिरकार पूरी

कई एएनएम और स्वास्थ्य पर्यवेक्षक वर्षों से अपने गृह जिले में तैनाती की मांग कर रहे थे।
लेकिन सेवा नियमावली में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण (Inter-District Transfer) की व्यवस्था न होने से यह संभव नहीं था।

अब सरकार ने इस समस्या का समाधान करते हुए बड़ा कदम उठाया है।
मंत्री ने कहा कि इस फैसले से कर्मचारियों को न केवल सुविधा और पारिवारिक संतुलन मिलेगा, बल्कि वे अपने अनुभव से स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बना सकेंगे।

नया ट्रांसफर नियम क्या है?

कैबिनेट द्वारा तय नए नियम के तहत,
एएनएम और स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों का जिला परिवर्तन समान संख्या के आधार पर किया जाएगा — यानी जितने कर्मचारी एक जिले से जाएंगे, उतने ही वहां से आएंगे।

वर्तमान स्थिति:

  • कुल 2295 एएनएम पद स्वीकृत
    • 2083 पद भरे हुए
    • 212 पद खाली
  • 338 स्वास्थ्य पर्यवेक्षक पद स्वीकृत
    • 157 पद भरे हुए
    • 181 पद खाली

यह व्यवस्था विभाग के मानव संसाधन संतुलन को बनाए रखते हुए लागू की जाएगी।

कर्मचारियों में खुशी की लहर

फैसले के बाद स्वास्थ्य कर्मचारियों में खुशी का माहौल है।
कई एएनएम और स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों ने इसे राज्य सरकार की कर्मचारी-हितैषी नीति की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया है।

उन्होंने कहा कि लंबे समय से इस तरह के बदलाव की उम्मीद थी, जो अब पूरी हो गई है।
कर्मचारियों ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का आभार जताया।

कैबिनेट की अन्य अहम फैसले

सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में कुल 8 बड़े निर्णय लिए गए।
इनमें शामिल हैं:

  • UCC (यूनिफॉर्म सिविल कोड) में मैरिज रजिस्ट्रेशन से जुड़ा निर्णय
  • रायपुर फ्रीज जोन में निर्माण की अनुमति
  • और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को राहत देने वाला यह अहम फैसला

बैठक के बाद मंत्री रावत ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की भलाई और विभागीय दक्षता बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है।

“खुशहाल कर्मचारी, मजबूत विभाग” — धन सिंह रावत

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा,

“जब कर्मचारी खुशहाल होते हैं, तो उनका कार्यक्षेत्र में प्रदर्शन भी बेहतर होता है। सरकार का लक्ष्य कर्मचारियों को सुविधा, स्थायित्व और सम्मान देना है।”

उन्होंने जोड़ा कि यह कदम न केवल कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाएगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार लाएगा।

सरकार की कर्मचारी-केंद्रित नीति

यह निर्णय उत्तराखंड सरकार की कर्मचारी-केंद्रित नीति को मजबूत करता है।
लंबे समय से लंबित मांग को पूरा कर, सरकार ने यह संदेश दिया है कि वह कर्मचारियों के अधिकारों और सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।

अब स्वास्थ्य कर्मी अपने परिवार और पेशेवर जीवन के बीच बेहतर संतुलन बना पाएंगे,
जो अंततः राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाएगा।

निष्कर्ष

उत्तराखंड सरकार का यह फैसला
👉 कर्मचारियों के लिए राहत
👉 विभाग के लिए दक्षता
👉 और शासन के लिए पारदर्शिता
तीनों ही स्तर पर एक सकारात्मक बदलाव लेकर आया है।

यह स्पष्ट संकेत है कि सरकार सेवा सुधार और कर्मचारी कल्याण की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही है।

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