उदयपुर फाइल्स: सच की दस्तक या नफ़रत की साज़िश?

हाल ही में चर्चा में आई फिल्म उदयपुर फाइल्स  एक ऐसी फिल्म है जिसने रिलीज़ से पहले ही खूब विवाद खड़ा कर दिया है। यह फिल्म 2022 में राजस्थान के उदयपुर में हुई एक बहुत ही दुखद और हैरान करने वाली घटना पर बनाई गई है, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था।

जब से इस फिल्म का ट्रेलर और पोस्टर सामने आया है,  लोग दो हिस्सों में बंट गए हैं। कुछ लोगों का कहना है कि ये फिल्म सच्चाई दिखाती है, वहीं कुछ लोग इसे धार्मिक नफरत फैलाने की कोशिश बता रहे हैं।

 उदयपुर की घटना

28 जून 2022 को उदयपुर में एक दर्ज़ी कन्हैयालाल की दुकान पर दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। हत्या करने वालों ने खुद इसका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने यह हत्या धार्मिक अपमान का बदला लेने के लिए की है।

कन्हैयालाल ने एक पोस्ट शेयर की थी जिसमें उन्होंने नुपुर शर्मा का समर्थन किया था।

इस घटना के बाद पूरे देश में गुस्सा फैल गया था और यह मामला NIA  को सौंपा गया था, क्योंकि इसमें आतंकी साजिश की बात सामने आई थी।

उदयपुर फाइल्स फिल्म में क्या दिखाया गया है?

फिल्म यह बताती है कि एक आम आदमी को सिर्फ अपनी राय रखने के लिए मार दिया गया।

इस फिल्म में दूसरे धर्मों को न सहना, अंध विश्वास और नफरत फैलाना, और कानून की कमजोरियाँ जैसे मुद्दे उठाए गए हैं।

फिल्म को बैन करने की मांग क्यों हो रही है?

फिल्म के ट्रेलर और पोस्टर देखकर कुछ लोगों का मानना है कि इसमें एक खास धर्म को गलत तरीके से दिखाया गया है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।

कुछ लोगों का कहना है कि ये फिल्म चुनाव को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है ताकि लोगों की भावनाओं को भड़काया जा सके।

फिल्म उस घटना को फिर से याद दिलाती है, जिससे नफरत और दर्द दोबारा उभर सकते हैं।

चूंकि यह मामला अभी भी NIA के पास है, तो इस तरह की फिल्म जांच को भटका सकती है या उस पर असर डाल सकती है।

फिल्म के समर्थन में क्या कहा जा रहा है?

जो लोग इस फिल्म का समर्थन कर रहे हैं, उनका कहना है कि “उदयपुर फाइल्स” सच्चाई पर आधारित है और इससे लोगों को हकीकत का पता चलता है।

उनका कहना है कि अगर “द केरल स्टोरी” जैसी फिल्में बन सकती हैं, तो यह फिल्म क्यों नहीं बन सकती?

इनका मानना है कि ये फिल्म जानकारी फैलाने का  काम करती है ! लोगों को सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम सब सुरक्षित हैं या नहीं? “उदयपुर फाइल्स” ही दिल को छू लेने वाली घटना पर आधारित है। ऐसी फिल्मों को बनाने की आज़ादी सबको है, लेकिन जब वो फिल्म समाज में फूट डालने, नफरत फैलाने  का काम करने लगे, तो उस पर सवाल  उठाना भी ज़रूरी हो जाता है।

( This article is written by Pragya Rai, Intern at News world India. )

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