उत्तराखंड में दीवाली पर शराब बिक्री ने तोड़े सारे रिकॉर्ड

इस बार दीयों की रौशनी के साथ जाम भी जमकर छलके।
उत्तराखंड में पावली (दीपावली) के त्यौहार ने न सिर्फ घरों और गलियों को रौशन किया,
बल्कि शराब की दुकानों की बिक्री को भी नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया।

आबकारी विभाग के अनुसार, इस दीपावली सीजन में शराब की बिक्री पिछले साल की तुलना में 20 से 25% बढ़ गई।
सरकार और व्यापारियों — दोनों के लिए यह त्यौहार सोने पर सुहागा साबित हुआ।

सिर्फ 15 दिनों में बिकीं 6.67 लाख पेटियां शराब!

आबकारी विभाग के आंकड़े बताते हैं कि दीपावली से पहले के 15 दिनों में
प्रदेशभर में करीब 6.67 लाख पेटियां शराब की बिकीं।

इससे विभाग के खजाने में ₹367 करोड़ से अधिक का राजस्व जमा हुआ —
जो पिछले वर्षों के मुकाबले रिकॉर्ड स्तर है।

देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर, काशीपुर और हल्द्वानी जैसे शहरों में
शराब की दुकानों के बाहर लंबी कतारें देखी गईं।
कई दुकानों का स्टॉक त्योहार से पहले ही खत्म हो गया।

पिछले साल से 25–30% ज्यादा बिक्री

पिछले साल दीपावली के दौरान जहां शराब बिक्री से ₹280–300 करोड़ की आमदनी हुई थी,
वहीं इस बार यह आंकड़ा ₹367 करोड़ पार कर गया।

अधिकारियों के अनुसार, बढ़ोतरी के पीछे कई कारण हैं —

  • त्योहारों का बढ़ता जोश
  • शहरी इलाकों में पार्टी संस्कृति
  • और पर्यटन सीजन की रौनक

इस बार ‘प्रीमियम ब्रांड्स’ की मांग भी जबरदस्त रही।
विदेशी शराब की कई बोतलें पहले ही दिन ‘आउट ऑफ स्टॉक’ हो गईं।
वहीं, देसी ब्रांड्स की बिक्री में भी भारी उछाल दर्ज किया गया।

शहरों से लेकर पहाड़ों तक ‘जाम-उत्सव’

राजधानी देहरादून में दीपावली से पहले
शाम ढलते ही शराब की दुकानों के बाहर लंबी लाइनें लगने लगीं।

इसी तरह हरिद्वार, हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर और ऋषिकेश में भी
बिक्री ने व्यापारियों की उम्मीदों को कई गुना बढ़ा दिया।

दिलचस्प बात यह रही कि इस बार सिर्फ शहरों में ही नहीं,
बल्कि पर्वतीय इलाकों में भी रिकॉर्ड तोड़ बिक्री हुई।
स्थानीय लोगों के साथ प्रवासी उत्तराखंडियों ने भी इस उत्सव में खूब भाग लिया।

आबकारी विभाग की रिपोर्ट: “रिकॉर्ड स्तर की बिक्री”

आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने बताया —

“इस बार दीपावली के अवसर पर शराब की बिक्री
पिछले सालों के मुकाबले रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।”

उन्होंने कहा कि विभाग ने सभी जिलों में
स्पेशल मॉनिटरिंग टीम बनाई थी,
और लगभग हर जिले में 20–25% तक की वृद्धि दर्ज की गई है।

कई जगहों पर डिमांड इतनी ज्यादा थी
कि दुकानों का स्टॉक पहले ही खत्म हो गया,
जिसके बाद अतिरिक्त सप्लाई भेजनी पड़ी।

सरकार को मिला राजस्व का “दीपावली बोनस”

शराब बिक्री में जबरदस्त बढ़ोतरी से
सरकार के राजस्व में भारी उछाल दर्ज हुआ।

आबकारी विभाग के मुताबिक,
सिर्फ अक्टूबर 2025 में ही ₹60 करोड़ की अतिरिक्त आमदनी हुई है।

राज्य सरकार पहले से ही
राजस्व बढ़ाने के नए स्रोतों पर काम कर रही थी।
इस बार की दीपावली ने राजस्व में बोनस जैसी बढ़त दी।

सामाजिक संगठनों की चिंता: “त्योहार नशे में नहीं, रिश्तों में मनाएं”

जहां एक ओर शराब बिक्री से सरकार और व्यापारियों में खुशी है,
वहीं कई सामाजिक संगठनों ने चिंता जताई है।

उनका कहना है कि

“त्योहारों की असली भावना रिश्तों और प्रेम में है,
न कि नशे में डूबने में।”

कई संस्थाओं ने सरकार से शराब खपत पर नियंत्रण
और जनजागरूकता अभियान चलाने की मांग की है।

निष्कर्ष

दीपावली 2025 उत्तराखंड के लिए
सिर्फ दीयों की रोशनी और मिठाइयों की मिठास नहीं,
बल्कि शराब बिक्री के नए रिकॉर्ड की भी गवाह बनी।

सरकार को मिला राजस्व,
व्यापारियों ने कमाया मुनाफा —
लेकिन समाज के एक हिस्से के मन में सवाल उठ गया है:

“क्या अब त्योहारों की खुशियां
धीरे-धीरे नशे के रंग में घुलने लगी हैं?”

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