उत्तराखंड बस हादसा: 36 की मौत

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में मंगलवार सुबह एक भीषण सड़क हादसे ने पूरे राज्य को शोक में डुबो दिया। पौड़ी से रामनगर जा रही एक प्राइवेट 45-सीटर बस मार्चुला क्षेत्र में अनियंत्रित होकर करीब 200 मीटर गहरी खाई में गिर गई।बस में क्षमता से अधिक लोग सवार थे। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 36 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।

स्थानीय लोग बने ‘फरिश्ते’, बचाव कार्य में जुटे पहले

घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के गांवों से लोग सबसे पहले मदद के लिए पहुंचे।

उन्होंने बिना किसी देरी के घायलों को खाई से बाहर निकालना शुरू किया।
कुछ ही देर बाद पुलिस और SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत कार्य संभाल लिया।

अस्पताल पहुंचते-पहुंचते टूट गई कई जिंदगियां

  • कई यात्रियों की मौत मौके पर ही हो गई थी।
  • कई गंभीर रूप से घायल लोग अस्पताल ले जाते वक्त दम तोड़ बैठे।
  • अब तक 9 घायलों की मृत्यु इलाज के दौरान हो चुकी है।
  • 3 लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है, जिन्हें एम्स ऋषिकेश एयरलिफ्ट कर भेजा गया है।

मुख्यमंत्री सख्त: लापरवाही पर RTO अधिकारी निलंबित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा दुख जताया और स्पष्ट निर्देश दिए कि:

“इस हादसे की हर ज़िम्मेदारी तय की जाएगी। किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।”

घटना में लापरवाही की बात सामने आने पर संबंधित RTO अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।

राज्य और केंद्र सरकार ने किया मुआवज़े का ऐलान

राहत राशिमृतकों के परिजनों कोघायलों को
उत्तराखंड सरकार₹4 लाख₹1 लाख
प्रधानमंत्री राहत कोष₹2 लाख₹50,000

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा शोक जताया और पीड़ित परिवारों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की।

निष्कर्ष: सबक देने वाला हादसा

यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक सिस्टम फेलियर का प्रमाण है — जहां ओवरलोडिंग, लापरवाह ड्राइविंग और ढीली निगरानी जैसी समस्याएं जानलेवा बन जाती हैं।

अब ज़रूरत है:

  • सख्त सड़क सुरक्षा नियमों की
  • प्रभावी बस संचालन व्यवस्था की
  • और स्थायी निगरानी तंत्र की

(This article is written by Shlok Devgan, Intern at News World India. )

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