उज्जैन दक्षिण विधानसभा में भव्य सम्मेलन

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत उज्जैन में बन रही है Science City और IT Park

मध्य प्रदेश का पवित्र नगर उज्जैन, जो सदियों से धर्म, संस्कृति और ज्ञान का केंद्र रहा है, अब तेजी से विज्ञान और तकनीक का नया गढ़ बनता जा रहा है।
मुख्यमंत्री के विजन और राज्य सरकार की नई नीतियों के तहत यहां Science City और IT Park जैसी बड़ी परियोजनाएं आकार ले रही हैं, जो आने वाले वर्षों में शहर की पहचान को पूरी तरह बदल सकती हैं।

आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान 2025 — उज्जैन दक्षिण विधानसभा में भव्य सम्मेलन

आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान 2025” के तहत उज्जैन दक्षिण विधानसभा में एक भव्य विधानसभा सम्मेलन का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गणमान्यजन, उद्यमी, शिक्षक, विद्यार्थी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए।

सम्मेलन का उद्देश्य था —
आत्मनिर्भर भारत के विजन को स्थानीय स्तर पर लागू करना,
और तकनीकी व औद्योगिक विकास को नई दिशा देना।

उज्जैन में बन रही है अत्याधुनिक Science City

महाकाल की नगरी उज्जैन अब एक नए रूप में उभर रही है — एक Science City के रूप में।
इस परियोजना में शामिल हैं:

  • अत्याधुनिक विज्ञान प्रयोगशालाएं
  • इनोवेशन और रिसर्च सेंटर
  • टेक्नोलॉजी म्यूज़ियम

इसका मुख्य उद्देश्य है — बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक सोच और अनुसंधान की भावना को बढ़ावा देना।

जानकारी के अनुसार, उज्जैन की यह Science City राष्ट्रीय स्तर पर एक मॉडल के रूप में विकसित की जाएगी।
यहां खगोल विज्ञान, पर्यावरण अध्ययन और नवीकरणीय ऊर्जा पर विशेष फोकस रहेगा, जिससे उज्जैन को नई शिक्षा और पर्यटन पहचान मिलेगी।

इंजीनियरिंग कॉलेज के पास बन रहा अत्याधुनिक IT Park

सम्मेलन में यह भी बताया गया कि उज्जैन के इंजीनियरिंग कॉलेज के पास IT Park का निर्माण कार्य तेजी से जारी है।
यह पार्क बनने के बाद युवाओं के लिए रोजगार और स्टार्टअप के नए अवसर खुलेंगे।

यह पार्क प्रदेश के डिजिटल मिशन को मजबूती देगा और उज्जैन को एक टेक्नोलॉजी हब के रूप में स्थापित करेगा।

आईटी पार्क में शामिल होंगी —

  • सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनियां
  • डेटा सेंटर और ई-गवर्नेंस यूनिट्स
  • AI और रोबोटिक्स से जुड़ी कंपनियां

इसके साथ ही, स्थानीय इंजीनियरिंग छात्रों को इंटर्नशिप और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग के अवसर मिलेंगे, जिससे शिक्षा और उद्योग के बीच बेहतर तालमेल बनेगा।

आत्मनिर्भर भारत: स्थानीय से वैश्विक तक

कार्यक्रम के वक्ताओं ने कहा कि भारत की शक्ति उसकी स्थानीय अर्थव्यवस्था, नवाचार और युवाओं की ऊर्जा में छिपी है।
उन्होंने बताया कि आत्मनिर्भरता का अर्थ केवल उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि गुणवत्ता, नवाचार और स्वदेशी तकनीक के माध्यम से विश्व मंच पर पहचान बनाना है।

सम्मेलन में क्षेत्र के विकास कार्यों की समीक्षा की गई और नई योजनाओं की घोषणा हुई, जिनमें शामिल हैं:

  • कौशल विकास केंद्रों की स्थापना
  • महिला स्व-सहायता समूहों को तकनीकी प्रशिक्षण
  • किसानों के लिए ड्रोन आधारित कृषि सहायता कार्यक्रम

जनता की भागीदारी से ही संभव विकास

विधानसभा सम्मेलन में जनप्रतिनिधियों ने कहा कि किसी भी क्षेत्र का विकास तभी संभव है जब जनता उसकी प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाए।

स्थानीय उद्योगपतियों, शिक्षकों और युवाओं ने भी अपने विचार रखे।
उनका मानना था कि उज्जैन में Science City और IT Park जैसी परियोजनाएं न केवल रोजगार सृजन करेंगी, बल्कि शहर को शिक्षा, तकनीक और पर्यटन का त्रिवेणी संगम बना देंगी।

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, उज्जैन में इन योजनाओं के तहत ग्रीन टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप फंडिंग और टेक-एजुकेशन नेटवर्क पर विशेष ध्यान रहेगा।

धार्मिक नगरी से विकसित तकनीकी नगर की ओर

मुख्य वक्ताओं ने कहा कि उज्जैन की पहचान अब केवल आध्यात्मिक केंद्र तक सीमित नहीं रहेगी।
महाकाल कॉरिडोर जैसी परियोजनाओं ने पहले ही पर्यटन और इंफ्रास्ट्रक्चर को नई पहचान दी है,
और अब Science City तथा IT Park के साथ उज्जैन का भविष्य और भी उज्ज्वल और आधुनिक दिख रहा है।

सम्मेलन का समापन “स्थानीय संसाधन, वैश्विक दृष्टिकोण” के संकल्प के साथ हुआ,
जिसमें यह विश्वास जताया गया कि उज्जैन आत्मनिर्भर भारत मिशन में प्रमुख भूमिका निभाएगा।

निष्कर्ष

उज्जैन का यह परिवर्तन सिर्फ विकास परियोजना नहीं, बल्कि एक दृष्टिकोण (Vision) है —
जहां परंपरा और प्रौद्योगिकी साथ चलकर भविष्य की राह बना रहे हैं।

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