अब तक 15.85 लाख भक्त, कपाट भैया दूज पर होंगे बंद

उत्तराखंड के प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में इस साल अब तक 15 लाख 85 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।

  • हर दिन औसतन 4,000 श्रद्धालु धाम पहुंच रहे हैं।
  • हालांकि, पिछले वर्ष की तुलना में इस साल यात्रियों की संख्या कम रही है।
  • केदारनाथ के कपाट इस साल 23 अक्टूबर (भैया दूज) को बंद होंगे।

इस साल यात्रा का आंकड़ा

  • पिछले साल यात्रा सीजन में करीब 19 लाख भक्त केदारनाथ पहुंचे थे।
  • इस साल अब तक केवल 15.85 लाख भक्त दर्शन कर चुके हैं।
  • अनुमान है कि शेष दिनों में लगभग 1 लाख और श्रद्धालु आ सकते हैं, जिससे कुल संख्या लगभग 17 लाख हो सकती है।
  • वर्तमान रफ्तार को देखते हुए यह आंकड़ा पार करना मुश्किल दिखाई दे रहा है।

हेली सेवाओं और यातायात की स्थिति

  • गौरीकुंड से घोड़े-खच्चर और मजदूर धीरे-धीरे वापस लौट रहे हैं।
  • हेली सेवाओं में सवारियों की संख्या में कमी आई है।
  • हेली किराए में वृद्धि मुख्य कारण मानी जा रही है।
  • धाम पर यात्रा सुचारू है, और श्रद्धालुओं को लाइन में प्रतीक्षा की समस्या नहीं हो रही।

हाईवे की खस्ताहाल स्थिति

केदारनाथ हाईवे अभी भी खतरनाक स्थिति में है:

  • सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग पर सोनप्रयाग और मुनकटिया के पास बोल्डर गिरने का खतरा।
  • मुनकटिया में कई वाहन बोल्डरों की चपेट में आ चुके हैं।
  • रामपुर और डोलिया देवी के पास हाईवे लगातार धंस रहा है।
  • हाल ही में डामरीकरण किया गया था, लेकिन बारिश और गिरते बोल्डरों के कारण डामर उखड़ चुका है।
  • बड़े गड्ढों और खराब सड़क के कारण यात्रियों और स्थानीय लोगों को आवाज़ाही में कठिनाई हो रही है।

होटल एसोसिएशन की चिंता

केदारनाथ होटल एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी ने बताया:

  • हाईवे की स्थिति अभी भी गंभीर है।
  • विशेषकर डोलिया देवी और रामपुर के पास यात्रा खतरनाक है।
  • प्रशासन से आग्रह है कि अगले यात्रा सीजन से पहले हाईवे को दुरुस्त किया जाए।

यात्रा और स्थानीय अर्थव्यवस्था

  • केदारनाथ यात्रा का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव है।
  • होटल, ढाबे, गाइड और परिवहन सेवाओं को सीधे लाभ मिलता है।
  • अधिक संख्या में श्रद्धालु आने से स्थानीय रोजगार और व्यापार बढ़ता है।
  • इस बार कम यात्रा और हाईवे की खराब स्थिति से व्यवसायियों को चिंता है।

निष्कर्ष

केदारनाथ धाम की यात्रा इस साल अपेक्षित संख्या तक नहीं पहुंच रही है, लेकिन शेष 25 दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने की संभावना बनी हुई है।

  • हाईवे की खस्ताहाल स्थिति और हेली सेवाओं में कमी प्रशासन और पर्यटन विभाग के लिए चुनौती हैं।
  • अधिकारियों को अगले यात्रा सीजन से पहले सुरक्षित और सुव्यवस्थित हाईवे सुनिश्चित करना होगा, ताकि श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को कोई परेशानी न हो।
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