यूपी विधानसभा सत्र के आखिरी दिन अखिलेश-योगी आमने सामने

यूपी विधानसभा का शीतकालिन सत्र 1 दिसंबर को समाप्त हो गया. इस शीतकालिन सत्र के दौरान काफी वाद विवाद भी देखने को मिला. आपको बता दें की सत्र के आखिरी दिन सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जमकर एक दूसरे पर शब्दों के बाण चलाए. दरअसल अखिलेश यादव ने अनुपूरक बजट को लेकर बयान दिया की जब खर्च सरकार कर नहीं पा रही तो फिर अनुपूरक बजट की जरुरत क्या है? इसके साथ ही अखिलेश यादव ने किसानों का मुद्दा भी उठाया. उनहोंने कहा की गेंहू की खरीदारी क्या सरकार ने की या फिर निजी कंपनियों ने? साथ ही उनहोंने कृषि उपकरणों पर लगे जीएसटी को लेकर कहा की इस पर 12 से 18 फीसदी जीएसटी क्यों कर दिया गया है? वहीं अखिलेश के इन बयानों का सीएम योगी ने जवाब देते हुए अखिलेश को सपा सरकार के बारे में याद दिलवाया. सीएम य़ोगी ने कहा की साल 2017 से पहले सरकारों को हमारे विरासत की चिंता नहीं थी. अगर उनहें कुछ चिंता होती थी तो वो थी कब्रिस्तानों की. सपा की सरकार में पर्यटन को विकसित करने की कोई चिंता नहीं थी. हमने पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा दिया.
जातिगत जनगणना पर सीएम योगी का बयान
सत्र के दौरान अखिलेश यादव ने जातिगत जनगणा का मुद्दा उठाया और कहा की सरकार बताए की वो जातिगत जनगणना पर चुप क्यों है? सरकार जातिगत जनगणना को लेकर कभी जवाब क्यों नहीं देती? क्या सरकार को ये नहीं पता है की प्रदेश में पिछड़ा और दलितों की स्थिति क्या है? वहीं अखिलेश के इस बयान पर सीएम योगी ने जवाब देते हुए की जब आपके पास कोई मुद्दा नहीं होता है तो आप जाति को बीच में लेकर आ जाता है ? आपकी सरकार में आपने गरीबों के हक को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दी. तब आपको PDA की याद नहीं आती थी? जब प्रदेश में इंसेफेलाइटिस बढ़ता था , तब आपको PDA याद नहीं आता था ? तब के समय में तो अखिलेश निषाद और राजू पाल की हत्या होती थी. उस वक्त गुंडाराज और अराजकता चरम पर रहता था.
आवारा पशु और बूचड़खानों पर हुई नोकझोंक
सत्र में अखिलेश यादव ने आवारा पशुओं को लेकर कहा की योगी जी सांड को नंदी मानकर उनको संरक्षण दे रहे है. ये उनहोंने खुद कहा था. आज यूपी की सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस से ज्यादा आवार सांड दिखाई देते है. यूपी में गौशालाओं की क्या दुर्दशा है ये सबको पता है. क्या इसके लिए 250 करोड़ काफी है. गौशालाओं के नाम पर लूट है और मवेशी सड़क पर नजर आते है? सरकार को पिछले बार भी उन नामों की सूची दी गई थी जिनकी मौत सांड के हमले के कारण हुई है. सरकार बताए की उनमें से कितने की मदद की गई? 250 की जगह 5000 करोड़ सरकार दें. इसका जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा की आपको पशुओं की नहीं बल्कि बूचड़खानों के बंद होने की है. ये सच नहीं की हमारी सरकार ने सिर्फ 100 करोड़ ही गोवंशों के लिए खर्च किए है. हमने 11 लाख गोवंशों के लिए काम किया है. हमारा मूल बजट 3 हजार करोड़ रुपये का है. लेकिन आपको सिर्फ बूचड़खाने बंद क्यों हो रहे है इसकी चिंता है .

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