यूपी पुलिस का “मिशन शक्ति 5.0”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश में पुलिस ने मिशन शक्ति 5.0 अभियान चलाया। यह राज्यव्यापी अभियान 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चला और महिलाओं की सुरक्षा, सड़क अनुशासन और कानून व्यवस्था पर केंद्रित रहा।

इस दौरान 8.5 लाख से ज्यादा वाहनों की जांच की गई और 2.45 लाख वाहनों पर कार्रवाई हुई। इसे अब तक का सबसे बड़ा वाहन चेकिंग अभियान बताया जा रहा है, जिसमें एडीजी से लेकर थाना प्रभारी तक सभी अधिकारी खुद सड़कों पर उतरे।

1. काली फिल्म और हूटर पर सख्त कार्रवाई

अभियान की कमान एडीजी पद्मजा चौहान के हाथों में थी। पूरे प्रदेश में 24,457 पुलिसकर्मी और अधिकारी मैदान में उतरे और 71,000 से ज्यादा जगहों पर चेकिंग की गई।

  • 9,488 वाहनों से काली फिल्म हटाई गई।
    काली फिल्म अपराधियों के लिए ढाल बनती है और महिलाओं से जुड़े अपराधों में इसका दुरुपयोग होता है।
  • 2,817 वाहनों से हूटर और 1,087 नीली-लाल बत्तियां हटाई गईं।
    कई वाहन मालिकों ने खुद उपकरण हटा दिए, जबकि कुछ मामलों में पुलिस ने मौके पर जब्त किया।

2. जाति-सूचक शब्दों पर रोक

  • 14,504 वाहनों पर जाति या पदनाम लिखे पाए गए।
  • एडीजी चौहान ने कहा कि ऐसे शब्द समाज में भेदभाव बढ़ाते हैं और कानून के खिलाफ हैं।
  • सरकार का संदेश साफ: “कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं।”

3. चालान, चेतावनी और वाहन सीज

  • 18,215 वाहनों का चालान किया गया।
  • 3,38,305 लोगों को चेतावनी दी गई।
  • गलत पार्किंग और अव्यवस्थित ट्रैफिक पर सख्त कार्रवाई।
  • सड़क किनारे खड़े वाहनों को हटवाया गया ताकि ट्रैफिक सुचारू रहे।

4. फुट पेट्रोलिंग से सुरक्षा में बढ़ोतरी

  • 57,265 स्थानों पर पैदल गश्त (फुट पेट्रोलिंग) की गई।
  • 7.44 लाख से अधिक लोगों से संवाद कर सुरक्षा का भरोसा दिलाया गया।
  • स्कूल-कॉलेज और बाजारों के आसपास महिलाओं ने राहत की सांस ली।

5. स्टंटबाजों पर सख्त शिकंजा

  • 770 मुकदमे दर्ज किए गए।
  • 263 स्टंटबाज गिरफ्तार।
  • 31,609 चालान जारी और 1,388 वाहन सीज किए गए।

एडीजी चौहान ने कहा कि स्टंटबाज अपनी और दूसरों की जान खतरे में डालते हैं, इसलिए सख्त कार्रवाई जरूरी थी।

अभियान के कुल नतीजे

  • 1,93,829 वाहनों का चालान।
  • 3,654 वाहन सीज।
  • 251 एफआईआर दर्ज।
  • 450 लोगों की गिरफ्तारी।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह सिर्फ दिखावे का अभियान नहीं, बल्कि “कानून के राज” की ठोस मिसाल है।

मुख्यमंत्री योगी का संदेश

“महिलाओं की सुरक्षा और कानून का पालन हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई ही समाधान है।”

इस अभियान ने स्पष्ट कर दिया कि अब यूपी की सड़कों पर अनुशासन और सुरक्षा दोनों साथ-साथ हैं। जनता को भरोसा है कि पुलिस अब केवल आदेश नहीं सुनाती, बल्कि मैदान में उतरकर कानून लागू भी करती है।

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